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प्रेरणादायक समाचार दुर्घटना में दोनों पैर गंवाने के बाद भी युवक ने निकाली यूपीएससी की परीक्षा, लोग दे रहे हैं बधाइयाँ

संजय कुमार सिंह
यूपी:ट्रेन हादसे में दोनों पैर, एक हाथ और दो उंगली गंवाने के बाद भी अपने जिंदगी से हार मान कर चुपचाप नहीं बैठने वाले संघर्षरत युवक सूरज तिवारी ने दूसरे के प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।उन्होंने अपनी विकलांगता को जीवन में आड़े नहीं आने दिया और लगातार संघर्ष करते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।उनके सफलता पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित अन्य लोग बधाइयां दे रहे हैं।
सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों की घोषणा मंगलवार को की गयी।इस परीक्षा में 27 साल के सूरज तिवारी ने 917वीं रैंक हासिल किया है। सूरज तिवारी मैनपुरी जिले के कसवा कुरावली निवासी हैं। सूरज तिवारी ने ट्रेन हादसे में दोनों पैर, एक हाथ और दो उंगली गंवा दी थी। अब उनके इस सफलता पर सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बधाई दी है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सूरज तिवारी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है।सूरज की इस ‘सूरज’ जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं”।
बता दें कि सूरज ने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली थी तो ये हादसा हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई मैनपुरी कुरावली के महर्षि परशुराम स्कूल से शुरू की थी। इसके बाद मैनपुरी के एसबीआर स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 2017 में एक ट्रेन दुर्घटना में सूरज तिवारी शिकार हो गए थे। इस हादसे में सूरज ने दोनों पैर, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियां गंवा दी थी। इसके बाद सूरज ने जेएनयू से रशियन की पढ़ाई की और फिर यूपीएससी की परीक्षा में बैठे थे और सफल हो गए।
जबकि उनके पिता टेलर का काम करते हैं। सूरज तिवारी का परिवार मैनपुरी के कुरावली कस्बे का रहने वाला है। पिता का नाम राकेश तिवारी है, जो सिलाई की दुकान पर कपड़े सिलते हैं।

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