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मुसाबनी के अधिवक्ता का सीजीएम कोर्ट ने जमानत खारिज की, अधिवक्ता हड़ताल पर अंडे, जमशेदपुर पहुंचकर मांगा सहयोग

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत मुसाबनी पुलिस द्वारा अधिवक्ता तपन कुमार चटर्जी को जेल भेजने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उन्हें घाटशिला सीजीएम कोर्ट से जमानत नहीं मिली, तो साथी अधिवक्ता हड़ताल पर अड़ गए हैं।वे अपने हड़ताल को व्यापक बनाने के लिए जमशेदपुर के अधिवक्ताओं से भी सहयोग मांगी है।

बताया जा रहा है कि 22 मई को मुसाबनी पुलिस ने अधिवक्ता तपन कुमार चटर्जी को सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल भेजने से पहले उनके साथ मारपीट की गई और हाथ में हथकड़ी लगाकर जेल भेजा गया। इससे साथी अधिवक्ता भड़क गए और उन्होंने अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखा। वही घाटशिला बार एसोसिएशन की महासचिव रामा प्रसाद मुखर्जी ने घाटशिला सीजीएम कोर्ट में अधिवक्ता तपन कुमार चटर्जी के लिए जमानत लेने का प्रयास किए। यहां कोर्ट ने अधिवक्ता तपन कुमार चटर्जी की जमानत रिजेक्ट कर दी। इसके बाद घाटशिला अनुमंडल के सभी अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया कि वे अपने को न्यायिक प्रक्रिया से तब तक अलग रखेंगे, जब तक तपन कुमार के साथ मारपीट कर जेल भेजने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है। इसके लिए आज घाटशिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने जमशेदपुर पहुंचकर लांसर्स डिफेंस के अध्यक्ष परमजीत कुमार श्रीवास्तव, अक्षय कुमार झा, संजीत कुमार झा, रविंद्र कुमार, परम पति भगत ,लखेंद्र सिक्का,दिलीप सिंह , दुर्योधन महतो, रंजीत राम, एस एन चौधरी, विनोद कुमार सहित दर्जनों अधिवक्ताओं से मुलाकात की और उन्होंने तपन कुमार की गिरफ्तारी पर सहयोग मांगा। इस दौरान जमशेदपुर के अधिवक्ताओं ने घाटशिला के अधिवक्ताओं का सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को इस घटना की सूचना दी जाएगी और घाटशिला के अधिवक्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। इससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि घाटशिला और जमशेदपुर कोर्ट में अधिवक्ताओं का हड़ताल हो सकता है। जिससे न्यायालय के कार्य में बाधा पहुंच सकती है।

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