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अधिवक्ता और पत्रकार को फंसाने के लिए ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के मुखिया विनोद सिंह अपने नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर की बलि चढ़ाने के ताक में, जिला प्रशासन और बार एसोसिएशन तथा पत्रकार समाज क्यों है मौन??

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंह और पत्रकार को फंसाने के लिए ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरदार विनोद सिंह अपने नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर की बलि चढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन, जमशेदपुर बार एसोसिएशन और पूर्वी सिंहभूम जिला के पत्रकारों के विभिन्न संगठन रहस्यमय ढंग से मौन है।उनके ओर से इस ब्लैकमेलर गिरोह के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करना अपने आप में प्रश्न खड़ा करता है।

साकची थाना क्षेत्र काशीडीह के रहने वाले ब्लैकमेलर गिरोह के मुखिया विनोद सिंह कुंवर सिंह के पुत्र हैं। जो कम पढ़े लिखे हैं। लेकिन शातिर दिमाग रखते हैं और अपने नौकरों एवं अपराधिक छवि के लोगों को मिलाकर गिरोह चलाते हैं। गिरोह के सभी सदस्यों को पत्रकारिता का तगमा लगाकर पत्रकार बनाए हुए हैं।जिसमें इनका एक नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर है। जो पहले सिक्योरिटी गार्ड हुआ करता था। अब अपने गिरोह के मुखिया विनोद सिंह के गार्ड का काम कर रहा है। बदले में वह विनोद सिंह को हर जगह स्कूटर पर लेकर ले जाया करता है।अब विनोद सिंह इस नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर की बलि चढ़ाने के ताक में है। जिससे अपने दुश्मनों को फंसाया जा सके। इसका सबसे जीता जागता उदाहरण हाल के दिनों में देखने को मिला है। जब विनोद सिंह अपने नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर के साथ वरिष्ठ पत्रकार गोविंद पाठक के घर पर हमला करने पहुंचा। यहां पर आस पड़ोस के लोगों ने इन दोनों ब्लैकमेलरों को खदेड़ा,तब विनोद सिंह विक्टिम कार्ड खेलकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर के बहाने सिख समाज को भड़काने का प्रयास किया। जिसमें बार-बार आरोप लगाया गया कि इंदरजीत सिंह भुल्लर के पगड़ी पर हाथ मार के गिराने का प्रयास हुआ है। जब इससे सीख समाज के लोगों ने जांच की और सत्य बात को समझा।तब इंद्रजीत सिंह भुल्लर का साथ नहीं दिया। तब वह नई कहानी के साथ पुनः आ गया की सिख को जातिसूचक गाली दी है। जब इससे भी बात नहीं बनी तो, एक नए कहानी के साथ आ गया। जिसमें बताया गया कि इंदरजीत सिंह भुल्लर के आंख से दिख नहीं रहा है और कान सुन्न हो गया है। यहां गौरतलब बात है कि जिस दिन झगड़ा हुआ था उस दिन विनोद सिंह और उनके नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर अपने स्कूटी छोड़कर पैदल भागे थे। एमजीएम अस्पताल में भी पुलिस के साथ बैठ कर आराम से इलाज कराने गए थे। डॉक्टरों ने इनकी जांच कर दूसरे दिन ओपीडी में दिखाने की बात कह कर भेज दिया था। अगर इनकी स्थिति इतनी गंभीर होती तो डॉक्टर इन्हें ओपीडी में दूसरे दिन जाकर दिखाने के बाद नहीं करते।इन दोनों को उसी दिन भर्ती कर लिया जाता।लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वे दोनों दूसरे दिन जाकर अपना इलाज कराए। उस दिन के बाद अपने स्कूटर पर आराम से घूमते रहे।इसके बाद अचानक तीसरे दिन नये कहानी को गढ़ा गया।जिसमें बताया गया कि आंख से नहीं दिख रहा है और कान सुन्न हो गया है। तब यह प्रश्न उठता है कि 3 दिन तक क्या आंख से दिख रहा था और कान से सुनाई नहीं दे रहा था।जिसके कारण यह लोग स्कूटर चला रहे थे या घूम रहे थे।

इस कहानी में वरिष्ठ पत्रकार गोविंद पाठक के साथ बच्चों और अधिवक्ता संजय सिंह और उनकी पत्नी को भी घसीटने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि घटना के दौरान ना संजय सिंह या उनकी पत्नी गोविंद पाठक के घर के आस पास मौजूद नहीं थे।

ब्लैकमेलर गिरोह के सरदार विनोद सिंह ने नीचता की हद पार करते हुए गोविंद पाठक और संजय सिंह के परिवारों को, उनके बच्चों का नाम पर कीचड़ उछालना शुरू कर दिया। जबकि परिवार और बच्चों का इस झमेले से दूर-दूर तक का नाता नहीं है।

अब न्यूज़ लहर विनोद सिंह के द्वारा अपने नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर को बलि का बकरा बनाए जाने का सबूत बताता है। जिस दिन मारपीट हुई, उस दिन विनोद सिंह अपने नौकर को लेकर गोविंद पाठक के घर पर हमला करने पहुंचा था।जब थाने में एफ आई आर दर्ज करने की नौबत आई, तो यहां शातिर दिमाग के मास्टर विनोद सिंह ने f.i.r. तो स्वयं लिखी ,लेकिन अपने नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर के द्वाराf.i.r दर्ज कराई। इससे वह कोर्ट कचहरी के चक्कर से बचे रहेगा और अपने नौकर के थ्रू कोर्ट में अपने विरोधियों को दौड़ाकर परेशान कर सके। वही अब इंद्रजीत सिंह भुल्लर को अपने सारे काम धाम छोड़कर कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे। जबकि इनका मालिक आराम से एसी रूम में चादर तानकर सोएगा।

 

 

न्यूज़ लहर का अशंका

 

 

न्यूज़ लहर ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह के हर हथकंडे को समझ रहा है। बार-बार अपने समाचार के माध्यम से जिला प्रशासन को आगाह कर रहा है कि यह व्यक्ति षड्यंत्र रचने में कितना माहिर है और विक्टिम कार्ड खेलकर अधिकारियों को गुमराह करने के साथ ही यह अपने विरोधियों को फंसाने के लिए कुछ भी कर सकता है। इसका एक उदाहरण न्यूज़ लहर पुनः जिला प्रशासन और सुधि पाठक के सामने रख रहा है। जिस पर गौर करें, विनोद सिंह ने अपने दोनों भाइयों को फंसाने के लिए अपने बूढ़े बाप को आगे कर एक पत्र लिखकर एसपी जमशेदपुर को दिलवा दिया। जिसमें अपने 11 वर्ष के पुत्र की अपने ही दोनों भाई द्वारा अपरहण करने की संभावना वाली कहानी गढ़ दी। अब समझ सकते हैं जो व्यक्ति अपने बच्चे का अपहरण की झूठी कहानी बाप से लिखवा कर जिला प्रशासन के पास दे और विक्टिम कार्ड खेले, वह व्यक्ति अपने नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर की हत्या क्यों नहीं करा सकता है, या एक्सीडेंट करवा कर मवार सकता है,या झूठी मेडिकल रिपोर्ट बनवा कर अधिवक्ता संजय सिंह और पत्रकार गोविंद पाठक को फंसा सकता है। हालांकि ब्लैकमेलर गिरोह के मुखिया के निशाने पर पत्रकार प्रशांत सिंह उर्फ पुतुल, गोविंद पाठक और अधिवक्ता संजय सिंह और विनोद सिंह के अपने बड़े भाई जो पत्रकार है भरत सिंह, भाई अशोक सिंह है। इन तमाम लोगों के परिवार, बीवी बच्चा भी शामिल है। जो इस ब्लैकमेलर गिरोह के सदस्य के एक-एक हरकत को जानते हैं और समाज को ,जिला प्रशासन को इनकी काली करतूतों से अवगत करा रहे हैं। जिससे इसके धंधा में मंदी आ गई है।

 

मजदूरों ने ब्लैकमेलरो को खदेड़ा

 

 

अब ब्लैकमेलर गिरोह लोगों को खुलकर ब्लैक मेलिंग नहीं कर पा रहा है। ये जहां पहुंच रहे हैं, वहां लोग इसे खदेड़ दे रहे हैं। कुछ दिन पूर्व काशीडीह हाई स्कूल में भवन निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए विनोद सिंह और इंद्रजीत सिंह भुल्लर पहुंचे थे। वहां प्रेस का धौंस दिखाकर गाड़ी सहित स्कूल के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे। गेट पर खड़े दरबान ने इनकी हेकड़ी निकाल दी । तब ये दोनों पैदल अंदर गए और वहां काम कर रहे हैं इंजीनियर, मजदूरों को डरा कर काम बंद कराने का प्रयास किए। यहां काम कर रहे लोग बेलचा उठाकर मारने के लिए आए,तब दोनों वहां से भाग खड़े हुए। हालांकि इस संबंध में स्कूल भवन के निर्माण कार्य में लगे लोगों ने पुलिस के पास शिकायत नहीं की है। वे बताते हैं कि जूस्को के काम में कोई भी गड़बड़ी नहीं होती है, तो कैसे कोई पत्रकार बनकर काम रुकवा सकता है। या धमका कर पैसा असूलने का प्रयास कर सकता है।वे लोग पुलिस के लफड़े में नहीं पड़ना चाहते थे। इसलिए पुलिस को सूचना नहीं दिया।अब धीरे-धीरे न्यूज़ लहर के पास समाज के लोग सूचना पहुंचा रहे है। न्यूज़ लहर इनके काली करतूतों को एक-एक कर सुधि पाठक और जिला प्रशासन के पास समाचार के माध्यम

रखेगा। न्यूज़ लहर अपने सुधि पाठकों से अनुरोध करता है कि इस ब्लैकमेलर गिरोह के सदस्यों से संबंधित अगर कुछ भी काली करतूतों की जानकारी हो तो जरूर साझा करें। जिससे न्यूज़ लहर समाज के लोगों को अवगत कर जागृत कर सके।

 

न्यूज़ लहर जिला प्रशासन, अधिवक्ता और पत्रकारों से अनुरोध करता है कि समाज में और चौथे स्तंभ पर कीचड़ उछाल रहे ब्लैकमेलर गिरोह के विरुद्ध क्यों मौन है ? क्या आप इंतजार कर रहे हैं कि जब तक एक अधिवक्ता या पत्रकार की बलि ना चढ़ जाए या शहर में विधि व्यवस्था की समस्या ना बन जाए तब तक आप मुंह नहीं खोलेंगे या पहल नहीं करेंगे? यह सोचना जिला प्रशासन ,बार एसोसिएशन जमशेदपुर और जिला के पत्रकारों की भी जिम्मेवारी है।

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