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भारत 30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका से खरीदेगा

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

नयी दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर सशस्त्र बलों के निगरानी उपकरण बढ़ाने के लिए 30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका से खरीदने की गुरुवार को मंजूरी दी। यह ड्रोन करीब 35 घंटे हवा में रह सकता है। यह फुली रिमोट कंट्रोल है। इसके लिए दो लोगों की जरूरत पडती है। यह एक बार उड़ान भरने के बाद 1900 किलोमीटर क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।यह एक घंटे में 482 किलोमीटर उड़ सकता है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से कुछ दिन पहले 30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका से खरीदने की फैसला लिया गया है। उम्मीद है कि तीन अरब डॉलर के इस खरीद सौदे की घोषणा मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच व्हाइट हाउस में अगले हफ्ते होने वाली बैठक के बाद की जाएगी।

खरीद प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की एक बैठक में मंजूरी दी गई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। सी गार्डियन ड्रोन तीनों सशस्त्र बलों के लिए खरीदे गये हैं। क्योंकि ये ड्रोन समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध सहित कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं।

 

नौसेना को 14 ड्रोन, जबकि भारतीय वायुसेना और थलसेना को आठ-आठ ड्रोन मिलने की संभावना है। एमक्यू-9बी के दो स्वरूप हैं स्काई गार्डियन और सी गार्डियन।

 

इसी ड्रोन से किया गया था अल-जवाहिरी का खात्मा

 

ड्रोन को तीनों सेनाओं के लिए खरीदा जा रहा है।एमक्यू-9बी-9 रीपर’ का दूसरा वर्जन है। पिछले महीने इसका इस्तेमाल काबुल में हेलफायर मिसाइल के एक मोडिफाइड वर्जन को दागने के लिए किया गया था। इसमें अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी की मौत हो गई थी। माना जाता है कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को खोजने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया था। हालांकि, तब इसका पुराना वर्जन इस्तेमाल किया गया था।

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