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ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह का भांडा फोड़ दिया गिरोह के सदस्य ने,देखें लिखित साक्ष्य

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह के ब्लैक मेलिंग का खुलासा गिरोह के सदस्य अमिताभ वर्मा और अजीत कुमार ने कर दिया है।इस संबंध में उन दोनों ने लिखित एफिडेविट में जानकारी दी है।

 

न्यूज़ लहर प्रतिदिन ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह के काले कारनामे अपने सुधि पाठकों को अवगत करा रहा है कि समाज के कोढ़, जिसने अपने मां जैसी भाभी नयनतारा के आबरू से खेला, वह भेड़ के खाल में भेड़िया बन कर छुपाने का प्रयास कर रहा है।अब वहां  स्वयंभू पत्रकार बन बैठा है।अगर इसमें इतनी ही काबिलियत होती तो वह किसी अखबार के छोटे या बड़े संस्थान में पत्रकार के रूप में ज्वाइन करके दिखाता। उसके बाद अपना कोई भी मीडिया चैनल खोल कर लोगों के बीच समाज में सुधार के रूप में अपनी लेखनी को रखता। कम पढ़े लिखे इस जाहिल को शब्द का ज्ञान ही नहीं है। यह सिर्फ दूसरे पर कीचड़ उछालना जानता है। आज उसकी सच्चाई पुनः न्यूज़ लहर आपके सामने रखता है। किस तरह इसके ही गिरोह के लोग इसकी सच्चाई लिखित रूप से दे चुके हैं।
मामला है होटल ग्रांड में घुसकर वीडियोग्राफी कर ब्लैक मेलिंग का।उस दौरान विनोद सिंह, इंद्रजीत सिंह भुल्लर, अमिताभ वर्मा, अविनाश शर्मा, अजीत कुमार सहित अन्य लोग वीडियोग्राफी करने पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने अपने को तहलका डॉट कॉम का रिपोर्टर बताया था।

काउंटर पर बैठी महिला और संजय सिंह को डरा कर रुपए की मांग करने लगे। संजय सिंह ने इन सबों की जानकारी पत्रकारों से ली। कुछ मिनटों में ब्लैकमेलर गिरोह की जानकारी पत्रकारों ने संजय सिंह को उपलब्ध करा दिया, कि आपके यहां पहुंचे सारे लोग पत्रकार नहीं है। वे कोई ठग या ब्लैकमेलर है। तब अधिवक्ता संजय कुमार सिंह समझ गए, उन्हें डराने का प्रयास करने वाले पत्रकार नहीं, ब्लैकमेलर गिरोह है। जो पत्रकार बन के आए हैं ।यहां संजय सिंह अड़ गए और उनके विरुद्ध लिखित जिला प्रशासन से शिकायत कर दी। इससे डर कर गिरोह के सदस्य अमिताभ वर्मा और अजीत कुमार अधिवक्ता संजय सिंह के साकची स्थित लॉ  फ्रैंड एसोसिएट के कार्यालय में पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी सफाई दी कि उनका विनोद सिंह से कोई भी लेना देना नहीं है। विनोद सिंह ने उनको बरगलाया था कि आप हमारे साथ चलिए एक होटल में।वहां कैमरा दिखाकर, वहां के लोगों को डरा देना है। यहां मोटी रकम मिल सकती है। जिसमें आपको भी हिस्सा दिया जाएगा। इस संबंध में अधिवक्ता संजय सिंह ने कहा कि आप सभी  गवाह बन जाए और मुझे लिखित में जानकारी दे ,तब मैं आपको मान लूंगा कि आप सच कह रहे हैं ।उस दौरान सीसीटीवी कैमरा के सामने अमिताभ वर्मा और अजीत कुमार ने लिखित एफिडेविट की और जिसमें आरोप लगाया कि वह विनोद सिंह के कहने पर ब्लैकमेल करने गए थे।उन्हें अंधेरे में रख कर होटल में ले जाया गया था।  स्वत : अमिताभ वर्मा  ने  कहा कि  बिनोद सिंह महीने में चार -पांच  बड़े- बड़े व्यवसायी को ब्लैकमेल करके मोटी रकम की उगाही करते हैं ।

उन्होंने बताया कि विनोद सिंह मोहन काम्प्लेक्स में अपना कार्यालय खोलना चाहता था। इसके लिए वह मोहन कॉन्प्लेक्स के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने के ताक में था।इस काम में मोहन काम्प्लेक्स के  अतिक्रमणकारी सुखविंदर  सिंह @ टोनी, बिनोद सिंह ( प्रिंटिंग प्रेस ), पुतुल सिंह  एवं मुनि सिंह सहयोग कर रहा था।उन लोगो ने  विनोद सिंह को मोहन कॉन्प्लेक्स के कुछ हिस्से पर कब्जा करने की आईडिया दी थी। जब वे संजय सिंह को डरा नहीं सके, तब वे इंटरव्यू के नाम पर कीचड़ उछालने पर लगे।
अब समझ ले इस गिरोह के सदस्य खुद लिखित अपनी गलती स्वीकार रहे हैं और गिरोह के सरगना विनोद सिंह की जानकारी दे रहे हैं। ऐसे संगठित गिरोह के संचालक विनोद सिंह कितने शातिर है कि वे लोगों को अंधेरे में रखकर अपराध करवा रहे हैं। अपने को बचाने के लिए भेड़ की खाल में छुपकर पत्रकार बन बैठे हैं। जिस तरह अपनी मां जैसे भाभी के आबरू के साथ खिलवाड़ कर यह भेड़िया समाज में खुले रूप से घूम रहा है। वहीं विनोद सिंह के जातती की शिकार हुई मां जैसी भाभी नयनतारा की आत्मा इंसाफ के लिए बिलख रही है। संभवत: वह आज भी उम्मीद कर रही होंगी कि कोई न्याय प्रिय व्यक्ति या पुलिस अधिकारी उसके मामले की जांच कर भटकती आत्मा को इंसाफ दिलाए। हालांकि मृतिका नयनतारा के पति भरत सिंह पत्रकार हैं और अपनी पत्नी को देवी जैसा मानते हैं, पूजा भी करते हैं। लेकिन इंसाफ के लिए घर की बात कर पीछा छुड़ाकर भागते फिर रहे हैं। जबकि होना चाहिए था कि उनकी अपनी पत्नी की भटकती आत्मा की शांति के लिए वह खुलकर सामने आते और प्रशासन के सहयोग से सारी सच्चाईयों को खोल कर रख देते। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।

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