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सच का सामना होते ब्लैकमेलर स्वयंभू पत्रकार गिरोह बौखलाया, लगाने लगे आरोप,अगर इन ब्लैकमेलरो में है दम, तो न्यूज़ लहर के साक्ष्यों को झूठला कर दिखाएं…..इस समाचार में पुलिस से बचने के लिए स्वयंभू पत्रकार बने ब्लैकमेलर का देखें एफ आई आर की रिपोर्ट,हो रहा है कोर्ट में सुनवाई

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर के ब्लैकमेलर स्वयंभू पत्रकार गिरोह के न्यूज़ लहर द्वारा काले कारनामे का खुलासा करने से पूरा गिरोह बौखला गया है।पहले न्यूज़ लहर के एडमिन के घर पर हमला, उसके बाद एक समुदाय को भड़काने का प्रयास के बाद समाचार को ही झूठा बताने के लिए आरोप लगाया जाने लगा।

 

न्यूज़ लहर स्वयंभू ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह को चुनौती देता है कि साइबर थाना में दर्ज अविनाश शर्मा और उसके साथियों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे को झूठला कर दिखाएं। वर्तमान में अविनाश शर्मा के साइबर गिरोह के विरुद्ध कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है। पूरा गिरोह बौखला गया है और अनेक लोगों के माध्यम से जांच अधिकारी व गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास में लग गए हैं। इस संबंध में अफ़वाहों का भी सहारा लिया जा रहा है। जिसकी एक झलक न्यूज़ लहर के विरुद्ध साइबर थाना बिष्टुपुर में लिखित शिकायत करना भी है।

साइबर थाना में अविनाश शर्मा के विरुद्ध मुकदमा के संबंध में जाने

 

14 जनवरी 2019 को एमजीएम थाना में ओंकार सिंह, और अविनाश शर्मा ,श्रीकांत सिंह, देव रत्ती चौधरी ,सुबोध, अभिषेक, अभिनव और छोटू के विरुद्ध धारा 420 ,467 468, 471 भादवी एवं 66(c)(d) आईपीसी एक्ट के अंतर्गत संज्ञेय अपराध का मामला दर्ज किया गया है।इस मुकदमे का कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है।

 

अब हम आपको बताते हैं कि सिदगोडा थाना क्षेत्र एग्रीको, विजय नगर निवासी शंकर शर्मा के पुत्र अविनाश शर्मा साइबर ठग के रूप में पहचाने गए हैं। अब यह पुलिस से बचने के लिए स्वयंभू पत्रकार बन बैठे हैं।इनका एक नया गिरोह है। जिसका मुखिया साकची काशीडीह लाइन नंबर 13 क्वार्टर नंबर 390 निवासी कुंवर सिंह के पुत्र विनोद सिंह है। जो विभिन्न नामों से फर्जी प्रेस संस्थान चलाते हैं।वे कभी अपने को तहलका का पत्रकार बताते हैं,तो कभी तक्षक पोस्ट , तो कभी स्पाई पोटल का। इसी के आड़ में ठग गिरोह ब्लैकमेलिंग का धंधा चला रहे है।अनेक लोगों ने ब्लैक मेलिंग संबंधित विभिन्न थाना में मामला दर्ज कराया है।

 

वर्तमान में अविनाश शर्मा और विनोद सिंह ने अपना एक व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है। जिसमें शहर के अनेक गणमान्य लोगों को जोड़ा गया है। सारे गणमान्य लोग इनके काले कारनामों से अनभिज्ञ हैं। इसके अलावा अविनाश शर्मा दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप में पत्रकार के रूप में शामिल हो चुके हैं। यहां से ग्रुप के सदस्यों का फोन नंबर और डाटा कलेक्ट किया जाता है। उसमें से कमजोर व्यक्ति को खोजा की जाती है।

जिसका अतीत में किसी तरह की ग़लती या कमजोरी हो या उनका कोई व्यवसाय हो। उसमें कमी खोजा जाता है।उस कमी को प्रेस के नाम पर पब्लिश करने की धमकी दी जाती है। अगर सामने वाला डर गया तो,उससे मोटी रकम वसूल कर ली जाती है।अगर नहीं डरा, तो उसे बदनाम करने के लिए फर्जी प्रेस संस्थाओं के नाम से फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया, न्यूज़ पोटल में डालकर बदनाम किया जाता है।तब फिर शुरू होता है ब्लैक मेलिंग का धंधा। इस दौरान अविनाश शर्मा, विनोद सिंह सहित पूरे गिरोह के लोग व्यक्ति विशेष की कमियों को लेकर उपायुक्त, एसएसपी, थाना प्रभारी तक पहुंचाते हैं। और उनका प्रयास होता है कि उस व्यक्ति को कैसे भी गिरफ्तार करा कर जेल भेज दिया जाए। इसके लिए ये ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह प्रशासनिक अधिकारियों का चमचागिरी भी करते रहते हैं। उन्हें फूल का बुके देकर या उनके छोटे-मोटे काम कर या सूचना कलेक्ट कर पहुंचाते हैं।जिससे वे प्रशासनिक अधिकारी इनको काम का आदमी समझ कर झांसे में आ जाते हैं। असली मकसद को नहीं समझ कर संबंधित व्यक्ति को पुलिस जेल भेज देती है। अब ठग पत्रकारों के गिरोह अपने दूसरे शिकार व्यक्ति को डर दिखाते हैं कि मैंने फलना आदमी को जेल भिजवाया है। अगर आप मेरे मन मुताबिक रुपया नहीं दोगे तो, मैं आपको भी जेल भेजवा दूंगा। आपके संस्थान को बदनाम कर दूंगा।
न्यूज़ लहर सभी सुधि पाठकों से अनुरोध करता है कि समाज के ऐसे कोढ़ जो स्वयंभू पत्रकार बनकर आपको ठगने का प्रयास करें, उन्हें समाज से बहिष्कृत करे। अन्यथा यह आप को भी शिकार बनाएंगे। अगर आप इसके चंगुल में फंस चुके हैं ,तो जिला प्रशासन को जानकारी दें। न्यूज़ लहर को भी सूचना दें। आपके कंधे से कंधे आपकी समस्या के लिए न्यूज़ लहर इंसाफ की लड़ाई लड़ेगा।

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