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पहले गरीबों से लालच देकर अकाउंट खुलवाया, हैकिंग के रूपये अकाउंट में डाले और कर गए हजम, खाता धारी को नहीं थी जानकारी, एक साइबर ठग हुआ गिरफ्तार

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:ऑनलाइन ठग लोगों को प्रलोभन देकर दूसरे के अकाउंट से पैसे लिया करते थे और उन्हें शिकार बनाते थे लेकिन अब इनका शिकार वैसे लोग भी है जिनके पास न तो पैसे है और न ही बैंक अकाउंट।जी हां, एक ऐसा ही मामला सामने आया है जब राँची के नामकुम थाना क्षेत्र से एक साइबर ठग को पुलिस ने गिरफ्तार किया तब इसका खुलासा हुआ है।

जाने पूरे मामले

बीते दिन लोवाडीह नामकुम स्थित भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक के द्वारा आवेदन दिया गया कि 22 जून को एसबीआई के दिल्ली ब्रांच से कॉल कर यह बताया गया है कि एक अकाउंट नंबर के द्वारा साइबर फॉड किया गया है।साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि इस अकाउंट से करीब सवा लाख रुपये मांगे गए है। जिसमें से 25 हजार रुपये इस खाता में डाला भी जा चुका है।इस सूचना के बाद पुलिस रेस हुई और मामले की जांच में जुट गयी।एसएसपी ने आईपीएस सह नामकुम थाना प्रभारी रित्विक श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और त्वरित कार्रवाई करते हुए जानकारी निकाली गयी कि जिस बैंक अकाउंट की बात की जा रही है वह सिमडेगा की रहने वाली अर्चना कुमारी की के नाम पर है जो अभी नामकुम के लोवाडीह में मंजू देवी के मकान में किराये पर रहती है। जब अर्चना से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि उसके साथ पढ़ाई करने वाले दोस्त सोहन कुमार के एक परिचित सुनील प्रजापति ने कौशल विकास योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता के लिए उसका अकाउंट खुलवाया था।लेकिन उसने न तो बैक डिटेल उसे दिए और न ही पासबुक।बैंक अकाउंट से जुड़े सभी दस्तावेज अपने पास ही रखा।पुलिस ने उक्त बयान के आधार पर सुनील प्रजापति के यहां धाबा बोला जो कि भाभानगर कोकर में किराये के मकान में रहता है।जब सुनील प्रजापति को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि इनलोगों का एक गिरोह पुरे देश में काम कर रहा है, जो सीधे-साधे गरीब लोगों को पैसा का लालच देकर बैंको में खाता खुलवाते हैं और साइबर फ्रॉड किये गये पैसे उन खातों में डलवा देते है।
पूछताछ के दौरान सुनील ने यह भी कबूला कि कई बड़े- बड़े पूंजीपतियों के ब्लैक मनी भी वह इन अकाउंट में सेटल करते है। गिरफ्तार सुनील प्रजापति के निशानदेही के आधार पर अलग-अलग बैंको का करीब पांच पासबुक, 12 आधार कार्ड का फोटो कॉपी, दो मतदाता पहचान पत्र की फोटो कॉपी और एक ओपो कम्पनी का मोबाईल बरामद किया गया। हालांकि, पुलिस इस मामले आगे की जांच कर रही और अन्य आरोपियों की खोजबीन कर रही है।

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