मैकेनिकल विभाग की लापरवाही से किरीबुरू खदान में दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा डंपर
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित सेल की किरीबुरू लौह अयस्क खदान में एक बार फिर मैकेनिकल विभाग की लापरवाही से कैटरपिलर कंपनी का 100 टन क्षमता वाला डम्पर संख्या-92 दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा। यह घटना 5 जुलाई की शाम लगभग 4 बजे के आसपास की बताई जा रही है। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि उक्त डम्पर का ड्राइवर साइड के आगे का नया सस्पेंशन लगाकर मैकेनिकल विभाग द्वारा चलाने के लिए हरी झंडी दे दी गई थी। इसके बाद द्वितीय पाली में ऑपरेटर पहला लोड लेकर हॉपर में लौह अयस्क गिराने हेतु डम्पर लेकर जा रहा था। इसी दौरान डम्पर में लगा नया सस्पेंशन बैठ ( खराब ) गया। इससे डम्पर एक साइड झुक गया। ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ी घटना टली। अगर डम्पर तेज रफ्तार व ढ़लान में होती तो बड़ी घटना घट सकती थी। किरीबुरू प्रबंधन ने पिछले दिनों हुई दुर्घटना के बाद डम्पर के ड्राइवर को मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर बैन लगा रखा है। खदान के प्रवेश गेट पर ब्रेथ ऐनालाइजर मशीन से सेल कर्मियों की नियमित जांच की जाती है ताकि कोई सेलकर्मी अथवा ठेका मजदूर शराब पीकर ड्यूटी पर नहीं जाए। सूत्रों ने बताया की ऐसी घटना हमेशा होती रहती है। पूर्व में भी जब डम्पर ऑपरेटर अपने डम्पर में खराबी को देख उसे मैकेनिकल विभाग में ठीक करने भेजता रहा है। लेकिन उक्त विभाग सही से ठीक नहीं कर माइनिंग ऑपरेशन में भेज देते हैं। कुछ डम्पर चालक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि वह यह जानते हुए भी की यह डम्पर पूरी तरह से ठीक नहीं है, उसके बावजूद वह अधिकारियों के कहने पर चलाने ले जाते हैं। इससे बड़ी घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है।