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सेना के अधिकारियों ने सरकार को भेजा सुझाव 50 फीसदी अग्निवीर हो स्थाई

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:भारतीय सेना चाहती है कि अग्निवीरों में से चार साल बाद करीब 50 प्रतिशत को परमानेंट किया जाए।
सेना ने इस संबंध में सरकार के सामने अपनी मांग रखी है। इस संबंध में फाइल आगे बढ़ाई गई थी लेकिन सेना की यह मांग ठुकरा दी गई। अब फिर सेना यह मामला आगे बढ़ा रही है।
अभी अग्निपथ स्कीम के तहत नियम है कि चार साल बाद अधिकतम 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही परमानेंट सैनिक बनने का विकल्प दिया जाएगा।
सेना चाहती है कि अग्निवीरों के हर बैच में से करीब 50 पर्सेंट अग्निवीरों को परमानेंट किया जाए। सेना सुत्रो के मुताबिक पहले जब सैनिकों की भर्ती होती थी उसमें जो स्टैंडर्ड रखे गए थे वहीं स्टैंडर्ड अग्निवीरी के लिए भी हैं। हम क्वॉलिटी से कोई समझौता नहीं कर रहे हैं। 50 प्रतिशत अग्निवीरों को परमानेंट करने के अलावा सेना ने सरकार के सामने यह प्रस्ताव भी रखा है कि अग्निवीरों की भर्ती तेजी से की जाए। यानी एक साल में भर्ती के लिए जो नंबर तय किया गया है उसे बढ़ाया जाए ताकि सेना में सैनिको की कमी जल्दी पूरी हो सके।
कोविड की वजह से दो साल सेना की भर्ती नहीं हो पाई थी। जबकि उससे पहले हर साल करीब 80 हजार सैनिकों की भर्ती होती थी। इससे सेना से रिटायर होने वाले और सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों की संख्या में बैलेंस बना रहता था। पिछले साल जब अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की भर्ती की गई तो पहले साल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है। इसके बाद धीरे धीरे यह नंबर बढ़ाया जाना है और साल 2026 तक कुल 1 लाख 75 हजार अग्निवीरों की भर्ती सेना में होनी है। जबकि अभी ही सेना में करीब डेढ़ लाख सैनिकों की कमी है और हर साल सैनिक रिटायर भी हो रहे हैं।
टेक्निकल भर्ती में अधिकतम उम्र सीमा बढ़ेगा : सेना अग्निवीरों की भर्ती में टेक्निकल भर्ती में अधिकतम उम्र 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करने पर भी विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सेना इसमें आईटीआई और टेक्निकल कोर्स किए हुए युवाओं को भर्ती कर रही है और उम्र सीमा 21 साल होने से ज्यादा विकल्प नहीं मिल पा रहे हैं। इसलिए इसे बढ़ाया जा सकता है। अग्निपथ स्कीम से पहले भी जब सैनिक टेक्निकल में भर्ती होती थी तब अधिकतम उम्र सीमा 23 साल थी। अग्निपथ स्कीम में इसे घटा दिया गया।

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