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मणिपुर गैंगरेप और हत्या के आरोप में पुलिस ने 4 को किया गिरफ्तार, गुस्साई भीड़ ने आरोपी के घर में लगाई आग

न्यूज़ लहर संवाददाता
मणिपुर : प्रदेश में महिलाओं के साथ दरिंदगी की वीडियो होने के बाद पुलिस ने मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हैरान करने वाली बात है कि घटना को हुए दो महीने बीत गए लेकिन पुलिस आरोपियों को पकड़ने में तब कामयाब हुई, जब वीडियो वायरल हुआ। वहीं आक्रोशित भीड़ ने आरोपियों के घर में आग लगा दी। इससे घर पूरी तरह जल गया है।इस घटना से पूरे देश में धरना प्रदर्शन और पूतला दहन का दौर शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग की जा रही है।
इधर ,पुलिस के एक्शन में देरी पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पहले इन आरोपियों को क्यों नहीं पकड़ा गया। मणिपुर के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने इसका जवाब दिया है।

वीडियो वायरल होने के बाद शर्मसार हुआ पूरा देश
हाल ही में मणिपुर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना का वीडियो सामने आया तो पूरा देश हिल गया। वीडियो में भीड़ दो महिलाओं को बिना कपड़ों के घुमाती नजर आ रही थी। आरोप है कि नंगा घुमाए जाने के पहले इनमें से एक महिला के साथ दरिंदगी भी की गई। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया था कि घटना बीती 4 मई की है और इस मामले में एफआईआर भी लिखी गई है, लेकिन आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। गुरुवार (20 जुलाई) को इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई और पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद तीन अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की गई।

गिरफ्तारी में देरी की पुलिस ने बताई ये वजह
दो महीने बाद आरोपियों की गिरफ्तारी पर सवाल उठ रहे हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी पर थोबल जिले के एसपी सच्चिदानंद ने बताया कि पुलिस सबूतों की कमी के चलते अभी तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी थी। हालांकि, उन्होंने उन दावों को गलत बताया, जिसमें कहा गया था कि पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी। एसपी ने बताया कि घटना के दिन नांगपोक सेकमेई पुलिस स्टेशन पर भीड़ ने हथियार लूटने की नीयत से हमला बोल दिया था, सारी पुलिस थाने की सुरक्षा करने में लगी हुई थी।

पीड़िता का आरोप- भीड़ के साथ थी पुलिस
एक पीड़िता ने बताया कि पुलिस हमला करने वाली भीड़ के साथ थी। उसने कहा था, पुलिस ने हमें घर के पास से उठाया था और गांव से कुछ दूर ले जाकर रोड पर भीड़ के पास छोड़ दिया। पुलिस ने हमें भीड़ के हवाले कर दिया था। उस दौरान गैंग रेप किया गया। विरोध करने पर भाई और पिताजी की हत्या कर दी गई।

18 मई को दर्ज हुई थी जीरो एफआईआर
मणिपुर की दिल दहला देने वाली घटना में ग्राम प्रधान थांगबोई वैफेई की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि हजारों लोगों की भीड़ ने गांव पर हमला बोला था, जिससे पीड़ित महिलाओं और उनके दो पुरुष रिश्तेदारों को भागना पड़ा था। 18 मई को उनकी शिकायत पर जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी, जो 1 महीने बाद 21 जून को उचित पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया गया।

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