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ध्याता , ध्यान और ध्येय तीनों एक होने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है,आचार्य श्री परमानंद जी महारा……..

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर के श्री शिव मंदिर गोलमुरी में आयोजित सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ से वृंदावन से पधारे आचार्य श्री परमानंद जी महाराज ने कहा ध्याता , ध्यान और ध्येय तीनों एक होने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्ति से ही ज्ञान, वैराग्य, श्री, ऐश्वर्य एवं यश की प्राप्ति होती है। धूप कितनी भी तेज हो समुद्र नहीं सुखा सकती, यही सोच कर उद्देश्य प्राप्ति हेतु सदैव लगे रहना चाहिए।

जैसे विदेश जाते समय उस देश की मुद्रा बदल कर ले जाते हैं, वैसे स्वर्ग जाने हेतु वहां की मुद्रा पुण्य एकत्रित करना आवश्यक है।देवाधिदेव महादेव जी के अंश से अवतरित हुए परम बैरागी श्री सुखदेव जी ने 7 दिनों में भागवत एवं स्पर्श दीक्षा देकर राजा परीक्षित को मोक्ष दिलाया।आज ध्रुव चरित्र, जड़ भरत प्रसंग , अजामिल कथा एवं भक्त प्रह्लाद चरित्र पर विस्तार से कथा का रसपान कराया । कथा में झांकी भी प्रस्तुत की गई। भजनों की सरिता में भक्तों ने खूब गोते लगाए।आज की कथा के यजमान मुरारी लाल अग्रवाल, अशोक शुक्ला, राजकुमार लड्ढा, ललिता अग्रवाल, सुशीला गुप्ता एवं नारी जागरण समिति के सदस्य सक्रिय रहे।

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