भक्ति मार्ग ही सर्वोत्तम है,आचार्य श्री परमानंद जी महाराज श्री शिव मंदिर गोलमुरी में श्रीमद्भागवत कथा का पांचवां दिन
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में श्री शिव मंदिर गोलमुरी में आयोजित सप्ताहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ से वृंदावन से पधारे आचार्य श्री परमानंद जी महाराज ने कहा कि*
*जैसे पनिहारिन सिर पर पानी का घड़ा लेकर भी अन्य कार्य कर लेती है, परंतु सिर पर से उसका ध्यान नहीं हटता, इसी तरह भक्तों को गृहस्थ कार्य में लिप्त रहते हुए भी ईश्वर में चित्त लगा रखना चाहिए। कर्म मार्ग, ज्ञान मार्ग, योग मार्ग भगवत प्राप्ति के साधन होने के बावजूद भक्ति मार्ग ही सर्वोत्तम है। भक्तों के लिए संसार की प्राप्ति संभव नहीं एवं ईश्वर को खोना भी संभव नहीं है। दूसरों की खुशी देखकर आनंदित होना भी स्वस्थ मन की पहचान है।*
*आज श्री कृष्ण बाल लीला, पूतना वध, नामकरण प्रसंग, एवं गोवर्धन पूजा की कथा का विस्तार से रसपान कराया गया आज भगवान श्री कृष्ण लीला की झांकी भी प्रस्तुत की गई सभी भक्तों ने भजनों का आनंद लिया।*
*आज की कथा के यजमान मुरारी लाल अग्रवाल, अशोक शुक्ला, शशि लड्ढा एवं नारी जागरण समिति के सभी सदस्य सक्रिय रहे।*