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गुवा गोलीकांड उस आंदोलन की याद दिलाता है जो जल, जंगल, जमीन को बचाने हेतु किया था ,अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन गुवा गोलीकांड के दौरान झारखंड अलग राज्य को लेकर पूरे राज्य में व्यापक आंदोलन चल रहा था

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित गुवा में एक बार फिर से आगामी आठ सितंबर 2023 को गुवा गोलीकांड के शहीदों के मजार पर गुवा मे राजनीतिक मेला लगाया जाएगा । उक्त जानकारी पश्चिम सिंहभूम जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन ने देते हुए बताया कि
गुवा गोलीकांड उस आंदोलन की याद दिलाता है जो जल, जंगल, जमीन को बचाने हेतु किया गया था ।
आगे अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन ने बताया कि गुवा का गोलीकांड झारखंड अलग राज्य अर्थात झारखंड आंदोलन, वनों पर वनवासियों का अधिकार व गुवा खदान से निकलने वाली लाल पानी से प्रभावित व बंजर हो रही खेतों को नुकसान पहुंचाने से रोकने आदि मांगों से जुड़ी हुई है। गुवा गोलीकांड में दर्जनों आदिवासी आंदोलनकारी व पांच बीएमपी के जवान शहीद और दर्जनों घायल हुये थे ।उल्लेखनीय है कि वर्ष 1980 के दशक में झारखंड आंदोलन के नाम पर राज्य के अन्य जिलों से आए ग्रामीणों द्वारा भारी पैमाने पर सारंडा के जंगलों की कटाई कर मैदान बना, उस वन भूमि पर कब्जा करने का कार्य चल रहा था । इसके खिलाफ गुवा वन विभाग ने कार्रवाई करते हुये इस अभियान में शामिल लोगों समेत कुछ निर्दोषों को भी पकड़ कर जेल भेजना प्रारंभ कर दिया गया था।
हालांकि उस समय झारखंड अलग राज्य को लेकर पूरे राज्य में व्यापक आंदोलन चल रहा था ।उसी समय यह कार्य भी सारंडा में झारखंड आंदोलन के नाम पर जारी था ।इसके खिलाफ वन विभाग की यह कार्रवाई ने आग में घी डाल दी। परिणाम स्वरूप गुवा गोली काण्ड ने 8 सितम्बर 1980 को इतिहास रच दी।

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