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जय भारत और जय चंद्रयान’ के नारों से गूँज उठा जे०वी०एम०, श्यामली

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:भारत मे वैज्ञानिक चेतना व तकनीकी क्रांति के लिए ऐसी मजबूत संस्थाओं का जाल बिछा हुआ है कि उनकी उत्कृष्टता का आज दुनिया लोहा मानती है। इस उत्कृष्टता की एक कड़ी का नाम है – मेकॉन। यह मेकॉन के इंजीनियरों का दृढ़ संकल्प ही है जिन्होंने चंदयान -2 के लॉन्चिंग पैड के डिजाइन, इंजीनियरिंग, इरेक्शन सहित गतिविधि में सक्रिय सहयोग दिया।
संध्या 5 बजे ही जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली का दयानंद प्रेक्षागृह स्कूल रिप्रेजेंटेटिव कॉउंसिल (SRC), NCC, NSS सहित शिक्षकों, अभिभावकों और मीडिया बंधुओं से भर गया जहाँ सभी लोग लाइव स्ट्रीमिंग के द्वारा चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के ऐतिहासिक पल के गवाह बने।
प्रक्षेपण के अंतिम 15 मिनट में सभी दर्शकों की साँसे रुक-सी गई जब चंद्रयान – 3 का लैंडर ‘ विक्रम’ किसी स्वप्न शिशु की तरह तैरता हुआ चंदा मामा की गोद में जा बैठा और उसके अंधेरे हिस्से में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने वाला पहला देश बना।
लैंडिंग होते ही भारत माता की जय, वंदे मातरम्, जय चंदयान के नारों से गूँज उठा। यह विकसित भारत के उद्गोष का स्वर बन गए।
छात्र अति उत्साहित होकर जय भारत और जय चंद्रयान के नारे लगाने लगे और छात्रों को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ० विक्रम साराभाई के दूरदर्शी टीम में प्रो० माधवन नैय्यर से लेकर एस० सोमनाथ तक इसरो के लंबे समृद्ध इतिहास को भी वीडियो क्लिप के माध्यम से बताया गया।
प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि आज 615 करोड़ रुपये में छोटा-सा फ्लाई ओवर निर्माण के खर्च पर आज भारत ने वह कर दिखाया जिसके बारे में अन्य देश सोच भी नहीं सकते। आज भारतीयों खासकर भारतीय वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ा है चंद्रयान – 3 का यह प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में मीलका पत्थर है और इससे चंद्रमा के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं वैज्ञानिक समझ को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर जवाहर प्राचार्य समरजीत जाना सहित उप प्राचार्य बी० एन० झा, एस०के०झा, छात्रकल्याण के संकायाध्यक्ष अमित रॉय, NSS के कार्यक्रम पदाधिकारी शशांक कुमार सिन्हा एवं डॉ० मोती प्रसाद आदि मौजूद थे।

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