सखी मंडल की दीदियों द्वारा तैयार किया जा रहा है हस्तनिर्मित राखियां…… जेएसएलपीएस की दीदियों को आत्मनिर्भर, सशक्त और स्वावलंबी बनाने की दिशा में करे सहयोग-उपायुक्त…..
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: देवघर उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी विशाल सागर द्वारा जानकारी दी गई है कि झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) के सखी मंडल की दीदियों द्वारा हस्तनिर्मित राखी बनाई जा रही हैं। ऐसे में जिलावासियों से आग्रह होगा कि आने वाले रक्षाबंधन त्योहार के लिए जेएसएलपीएस की दीदियों द्वारा निर्मित राखियों को पलाश मार्ट से खरीदकर उन्हें सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा सहयोग करें। आगे उपायुक्त ने राखी बनाने वाली सखी मंडल की दीदियों को शुभकामना देते हुए ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को इस हुनर से जोड़ने की बात कही।
इसके अलावा जिले में लगभग एक्टिव 11,258 स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 1,31,458 से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। सभी अलग-अलग क्षेत्रों में निपुण हैं। इस बार मधुपुर प्रखंड की स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा हस्तनिर्मित राखी का निर्माण कर रही है। साथ ही अगले साल इच्छुक और समूह को प्रशिक्षित कर इस कार्य में जोड़ने का निर्देश उपायुक्त श्री विशाल सागर ने संबंधित विभाग के अधिकारी को दिया है। ज्ञात हो कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी द्वारा ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को बड़े बाजार से जोड़ने के लिए पलाश ब्रांड की शुरुआत की गई है, जिसके दायरे में नए सह ब्रांड एवं उत्पादों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस पहल से ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा रही हैं।
*■ जेएसएलपीएस की दीदियों को आत्मनिर्भर, सशक्त और स्वावलंबी बनाना हो प्राथमिकताः-उपायुक्त…..*
इसके अलावे उपायुक्त विशाल सागर ने जेएसएलपीएस की दीदियों द्वारा निर्मित बांस के सामग्रियों व सजावट के बनाए जा रहे सामानों की सराहना करते हुए उन्हें और भी अच्छा करने हेतु प्रोत्साहित किया है। साथ ही उन्होंने कहा यह हम सभी के लिए बहुत हीं गर्व की बात है कि हमारे समाज की महिलाएँ अब दूसरों पर निर्भर न रह कर आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बन रही है। इससे उनके आये स्त्रोत में वृद्धि तो हो ही रही है। साथ हीं महिला सशक्तिकरण का एक अच्छा उदाहरण भी प्रस्तुत हो रहा है।
आगे उपायुक्त विशाल सागर ने शिमला गांव के महिलाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों को लेकर कहा कि वर्तमान समय में आवश्यक है कि जेएसएलपीएस की दीदियों से सीख लेते हुए इस क्षेत्र की अन्य महिलाएँ भी आगे आएँ। इससे उनका तो विकास होगा हीं साथ हीं समाज का भी विकास हो पायेगा। इसके अलावा उपायुक्त द्वारा स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा गया कि बांस की टोकरी-सूप व घरेलू सजावट की चीजें जैसे- लाइट लैंप, फूलदान, पांवदान, घर के सजावट के समान आदि बनाते हुए स्व-रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके। इससे रोजगार की संभावनाएँ तो बढ़ेंगे हीं साथ हीं लोगों के जीवन स्तर में सुधार भी आयेगा। साथ हीं उन्होंने कहा कि वहां की अन्य महिलाएँ भी एस0एच0जी0 ग्रुप से जुड़कर स्वरोजगार करें। इससे उन्हें अपने रोजगार हेतु बैंक से आसानी से ऋण मुहैया हो जायेगा।