आज मनाया जा रहा श्री कृष्ण जन्माष्टमी …. *ग्रहस्थ छह व संत समाज सात को मनाएगा जन्मोत्सव* *आज जन्मेंगे कन्हाई, घर घर बजेगी बधाई*
न्यूज़ लहर संवाददाता
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर योग योगेश्वर प्रभु श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जाएगा। इस बार जन्माष्टमी का योग छह सितंबर बुधवार को पड़ रहा है। ऐसे में गृहस्थ बुधवार को जन्माष्टमी मनाएंगे, जबकि मठ मंदिरों में और संत महात्मा गुरुवार सात सितंबर को भगवान का जन्मोत्सव मनायेंगे।
भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र दिन बुधवार मध्य रात्रि में हुआ था। इस बार अष्टमी तिथि छह सितंबर की शाम 7.58 बजे से लगकर सात सितंबर की शाम 7.52 तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र भी छह सितंबर को दोपहर 2.39 बजे से लगकर सात सितंबर को दोपहर 3.07 बजे तक रहेगा। अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र होने के कारण छह सितंबर को जन्माष्टमी मनाना उचित रहेगा। संयोग से उक्त समय पर सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का अद्भुत संयोग भी बन रहा है।
श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि और बुधवार के दिन हुआ था। इस साल जन्माष्टमी बहुत खास है क्योंकि इस बार कान्हा का जन्मदिवस बुधवार को ही मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त-:*
छह सितंबर को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पूजा का शुभ मुहूर्त रात्रि 11.45 से प्रारंभ हो जाएगा। लड्डू गोपाल को पंचामृत आदि से स्नान कराकर रोली चंदन पुष्प धूप दीप नैवेद्य फल तुलसी पत्र आदि अर्पित करके भगवान के सामने भजन कीर्तन करना चाहिए।
अगले दिन सात सितंबर को दही हांडी का उत्सव मनाया जाएगा, संतान हीन या पुत्र कामना की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को जन्माष्टमी के दिन व्रत और पूजन करने से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धर्म शास्त्र के अनुसार जन्माष्टमी व्रत करने वालो के लिए पारण समय-: 07 सितंबर, सुबह 06.02 मिनट के बाद।