स्वयंभू ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह का किया गया मुकदमे को पुलिस ने किया खारीज

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में स्वयंभू ब्लैकमेललर पत्रकार गिरोह चलने वाले विनोद सिंह को मुहकी खानी पड़ी है। दूसरे को फंसाने के लिए विनोद सिंह द्वारा किए गए मुकदमे को पुलिस ने खारिज कर दिया है। असल में स्वयंभू पत्रकार गिरोह लोगों को डराकर ब्लैकमेलिंग के द्वारा रूपयों की उगाही करता है। जब लोग इसके ब्लैकमेलिंग में नहीं फंसते हैं, तो उन्हें फंसाने के लिए उन पर झूठा मुकदमा भी किया जाता है। ऐसे ही एक मामले में इस गिरोह के सरगना विनोद सिंह द्वारा किए गए एक मुकदमे को पुलिस ने जांच के दौरान खारिज कर दिया है।वह मामला झूठा पाया गया है।
जानकारी के अनुसार बिरसानगर जॉन नंबर एक स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक जयप्रकाश सिंह को डराकर विनोद सिंह ने 35000 रुपए छीन लिए थे। साथ ही विनोद सिंह, इंद्रजीत सिंह भुल्लर ,अदिति सिंह और अन्य सहयोगियों के द्वारा जयप्रकाश सिंह को ब्लैकमेल किया जा रहा था। इसको लेकर जयप्रकाश सिंह ने विनोद सिंह ,इंद्रजीत सिंह भुल्लर,अदिति सिंह सहित अन्य के विरुद्ध ब्लैकमेलिंग करने और रुपए छिनने का मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
अपने पर मुकदमा होता देख विनोद सिंह ने जयप्रकाश सिंह को डराने के लिए कोर्ट कंप्लेंट के द्वारा एक केस दर्ज कराया, जिसमें धारा 304, 420, 406, 504, 506,34 आईपीसी की तरह मुकदमा दर्ज किया गया।जिसमें बताया गया कि जयप्रकाश सिंह डॉक्टर है, जबकि जयप्रकाश सिंह लक्ष्मी नर्सिंग होम के मालिक है । इसके बाद भी उन्होंने लक्ष्मी नर्सिंग होम खोलकर और स्वयं डॉक्टर बनकर मरीजों की इलाज करते हैं।इससे मरीजों के जान खतरे में पड़ जाता है। वे नर्सिंग होम के आड़ में मरीज से खूब सारा पैसा वसूल रहे हैं। इस पूरे मामले में विनोद सिंह ने अपने को दिल्ली का कथित अखबार tatrakshak का झारखंड ब्यूरो हेड बताया है। पुलिस ने उनके कंप्लेंट केस के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पाया गया की लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक जयप्रकाश सिंह कभी भी डॉक्टर बनाकर मरीजों का इलाज नहीं करते हैं,और ना ही किसी मरीज से ज्यादा पैसे लिए हैं। साथ ही जांच में पाया गया कि विनोद सिंह ने जिस अखबार का अपने को झारखंड हेड बताते हैं उसका अस्तित्व नहीं है। इस तरह पुलिस ने सारे मामले को झूठा पाया और विनोद सिंह द्वारा जयप्रकाश सिंह के विरुद्ध किए गए मुकदमे को खारिज कर दिया है।
शहर के अनेक लोग जानते हैं विनोद सिंह डिमना रोड में स्कूटर मरम्मत का काम करते थे, यानी स्कूटर मैकेनिक है। उसके सगी भाभी रेखा सिंह ने न्यूज़ लहर को बताया था कि वह कम पढ़ा-लिखा है। उसको ठीक से लिखने भी नहीं आता है। वह अपने बड़े भाई के नक्शे कदम पर चलकर लोगों को डराकर रुपया वसूली में लगा हुआ है। वह समाज का कोढ़ है। उसने अपने सगी बड़ी भाभी के साथ दुष्कर्म किया था और उसमें जेल गया था । जिसके कारण उनकी बड़ी भाभी नयनतारा ने आत्महत्या कर ली थी। आज भी उनकी आत्मा न्याय के लिए किसी इंसाफ पसंद पुलिस अधिकारी का बाट जोह रही है। रेखा सिंह बताती है अगर जांच हुआ तो इसमें विनोद सिंह के साथ और कुकर्म में शामिल अन्य लोग भी पकड़े जाएंगे। उनको सजा होगी। लेकिन अफसोस इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करता। ऐसे कुकर्मियों को समाज के कुछ लोग अपने पास बुलाकर बैठाते हैं। ऐसे लोगों पर धिक्कार है। उन्होंने बताया कि अगर विनोद सिंह के संबंध में लोग नहीं जानते तो अलग बात है।जो विनोद सिंह अपने भाई और परिवार का नहीं हुआ, वह समाज में सच्चाई का ठेका लेकर छदम पत्रकार बन के लोगों को ठग रहा है । उससे इंसाफ की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जो अपनी बड़ी भाभी का हत्यारा है, वह किसी को कैसे इंसाफ दिलाएगा। यह अलग बात है अपने कुकर्म को छुपाने के लिए स्वयंभू पत्रकार बनकर समाज में प्रतिष्ठा पाने का प्रयास में लगा हुआ है, जबकि असल में वह कुकर्मी ब्लैकमेलर, दुष्कर्मी एवं हत्यारा है ।