पुलिस ने आंख तरेरी, स्वयंभू ब्लैकमेल पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह कार्यालय खाली कर भागा
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में ब्लैकमेलरों का गिरोह चलाने वाले स्वयंभू फर्जी पत्रकार विनोद सिंह पुलिस के आंख दिखाने मात्र से अपना कार्यालय बंद कर भाग निकला। विनोद सिंह ने साकची थाना क्षेत्र स्थित काशीडीह लाइन नंबर 13 क्वार्टर नंबर 390 में अपना कार्यालय खोल रखा था।यह आवासीय क्षेत्र है और इसके पार्किंग एरिया में कब्जा पर कार्यालय बना लिया था। यहां प्रतिदिन असमाजिक तत्वों का आना जाना लगा रहता था।
साकची स्थित काशीडीह लाइन नंबर 13 क्वार्टर नंबर 390 का घर विनोद सिंह के दादा के नाम से एलौटमेंट है।जिस पर उसके बड़े भाई भरत सिंह और मझले भाई अशोक सिंह का भी बराबर का हक है। विनोद सिंह ने अपने बड़े भाई भरत सिंह को प्रताड़ित कर घर से भाग दिया।वे सरायकेला खरसावां जिला में रह रहे हैं। वहीं अशोक सिंह काशीडीह वाले मकान में रहते हैं।उनको भी घर से भगाने के प्रयास में विनोद सिंह लग गया। स्कूटर मैकेनिक से फर्जी पत्रकार बने विनोद सिंह अपने मझले भाई अशोक सिंह और उनकी पत्नी रेखा सिंह को प्रताड़ित करने लगा, उनकी बच्चियों को धमकाने लगा और आचरण हीन बातें समाज में फैलाना शुरू किया। जैसा कि विनोद सिंह का स्वभाव है कि लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए कीचड़ उछालना। लेकिन अशोक सिंह घर छोड़कर नहीं गए और घर पर जमे रहे। हालांकि विनोद सिंह अपने भाई अशोक सिंह के भी हिस्से पर नजर गड़ाए हुए है।
उनके हिस्से को हड़पना चाहता है।उसका आस पड़ोस के लोगों से भी झगड़ा है।और इस बाबत मुकदमे भी चल रहे हैं ,जो कोर्ट में लंबित है।अब अपने भाई अशोक सिंह और पड़ोसी को डराने के लिए पार्किंग क्षेत्र में एक कार्यालय खोला। जिस पर तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट नामक दो समाचार पत्रों का बैनर लगाया। ज्ञात हो कि न्यूज़ लहर ने विनोद सिंह के ब्लैकमेलिंग के दो प्लेटफार्म तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट के नाम का खुलासा कर चुका है। इन्हीं दो ब्लैकमेलिंग के प्लेटफार्म के नाम पर यह कार्यालय खोला गया।यहां से ब्लैकमेलिंग का कार्य शुरू हो गया। इन्हीं दो पोस्टों के माध्यम से शहर के धनवान और प्रतिष्ठित लोगों को फंसा कर ,डराने धमकाने का प्रयास शुरू हो गया। इस कड़ी में बड़ी संख्या में असामाजिक तत्व कार्यालय पर आने जाने लगे। यह बात अशोक सिंह की पत्नी रेखा सिंह को नगावार गुजरी। चुँकि अशोक सिंह को दो बेटियां हैं। जिससे उन्हें अनहोनी का खतरा लगने लगा कि उनकी उनकी बच्चियों पर कोई मुसीबत ना टूट पड़े। तब रेखा सिंह ने जमशेदपुर एसएसपी, उपयुक्त सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर विनोद सिंह के काले करतूतों और कूकर्मों की जानकारी दी। साथ ही अनुरोध किया कि अवैध रूप से खोले गए आवासीय क्षेत्र में ब्लैकमेलर गिरोह के कार्यालय को बंद कराया जाए। रेखा सिंह के शिकायत के बाद तुरंत विनोद सिंह ने विक्टिम कार्ड खेलते हुए एक ड्राफ्ट तैयार कराया। यह ड्राफ्ट पिता कुंवर सिंह के नाम से था। जिसमें एसपी को बताया गया कि वे टिस्को से सेवानिवृत 80 वर्षीय वृद्ध कुंवर सिंह है।वह अपने छोटे पुत्र विनोद सिंह के साल खुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं। पुत्र विनोद सिंह का एक पुत्र( पोता)है, जो कान्वेंट स्कूल में पड़ता है। उसे अशोक सिंह या भरत सिंह बदला लेने के लिए उनके पोता का अपहरण करवा सकता है। जबकि बताया जा रहा है कि कुंवर सिंह ठीक से लिख पढ़ भी नहीं सकते हैं, तो इस तरह का पत्र स्वयं विनोद सिंह ने लिखवा कर अपने बचाव के लिए और अपने भाइयों को फंसाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलते हुए पत्र पुलिस को सौंपा था। दोनों भाईयों के शिकायत पत्र पर पुलिस ने जांच शुरू की। साकची पुलिस ने जांच का काम साकची महिला थाना प्रभारी को सौंप दिया ,तत्तपश्चात महिला थाना प्रभारी ने जांच शुरू की। अशोक सिंह और उनकी पत्नी रेखा सिंह ने सारे साक्ष्य पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया। वहीं विनोद सिंह से पूछताछ की गई तो वह फर्जी पत्रकारिता का धौंस दिखाने लगा। तब थाना प्रभारी ने कड़ा रुख अख्तियार किया, तो विनोद सिंह अपनी औकात में आ गया। थाना प्रभारी ने बताया कि
यह प्रॉपर्टी तुम्हारे दादा के नाम से है और इसका कोर्ट से बंटवारा नहीं हुआ है। क्या तुमने अपने भाइयों से नो औबजेक्सन का लिखित पत्र लिया है।ज़बाब था नहीं।इस पर थाना प्रभारी ने आंख मेरी करते हुए कहा कि जल्दी से अपना कार्यकाल खाली करो, अन्यथा जेएनीसी के अधिकारियों के साथ आकर कार्यालय तोड़ देंगे। इसके बाद विनोद सिंह अपना कार्यकाल बंद कर भाग निकला। गौरतलब हो कि ब्लैकमेलर विनोद सिंह के गिरोह में इंद्रजीत सिंह भुल्लर, अदिति सिंह, सहित अनेक लोग हैं। सभी शहर के प्रतिष्ठित लोगों को फांसने के बाद ब्लैक मेलिंग कर रूपए वसूला करते हैं। इसके लिए गिरोह में मौजूद महिलाओं को लगाया जाता है।