हो जाए सावधान, अब ब्लैकमेलर फर्जी पत्रकार गिरोह बहरूपिया बन गया है, कहीं आपके गिरवान पर भी हाथ ना डालें, ऐसे समाज के कोढ़ और कुकर्मी को अपने पास फटकने ना दें….सावधान…सावधान रहें,सजग रहें…

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में ब्लैकमेलरों का स्वयंभू ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह बहरूपिया बन गया है। इन बहरूपियों से नागरिकों को सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि यह रूप बदल -बदल कर आपको ठगने और अपने झांसा में फसाने के लिए पहुंचेंगे। कभी तक्षक पोस्ट, कभी स्पाइ पोस्ट, ई पेपर, जर्नलिस्ट विनोद सिंह, न्यूज़ टाइम झारखंड सहित विभिन्न नाम से आपके पास पहुंचेंगे। अपने को पत्रकार बताकर मीठी-मीठी बात करेंगे। सैद्धांतिक उपदेश देंगे और मौका मिलते ही आपका गार्दन दबोच लेंगे। आपको ब्लैकमेल करेंगे। आपकी प्रतिष्ठा धूमिल करेंगे। इसके लिए यह विभिन्न तरह के बनाए गए प्लेटफॉर्म बना रखा है। जिसमें आपकी फोटो, नाम, आपके बीवी बच्चों का नाम लगाकर कीचड़ उछालेंगे। आप हार थक कर या तो आत्महत्या करेंगे या समझौता करके उनके मुंह मांगी रुपया चुकता करेंगे । अगर यह सब नहीं कर पाएंगे, तो पुलिस के पास जाकर फरियाद करेंगे। लेकिन यहां भी आप की बात कितनी सुनी जाएगी, कहा नहीं जा सकता। वही इन दिनों शहर में ट्रेंड चल निकला है।यह सब करने वाले अनेक आपराधिक मामलों के आरोपी है।इन पर साइबर अपराध से लेकर ब्लैकमेलिंग तक के मामले दर्ज है। ये बेशर्म होकर समाज में सच्चाई का ठेकेदार बनकर घूम रहे हैं। नित्य नए-नए लोगों को फँसाने के चक्कर में रहते हैं।
न्यूज़ लहर ने अपने सुधी पाठकों को जमशेदपुर के स्कूटर मैकेनिक विनोद सिंह की ब्लैकमेलर गिरोह की जानकारी दी थी किस तरह मैकेनिक से स्वयंभू फर्जी पत्रकार बन बैठा और साइबर अपराधियों को मिलाकर एक गिरोह तैयार किया। जिसके माध्यम से यह लोग शहर के प्रतिष्ठित लोग, समाजसेवी, इंस्टिट्यूट चलाने वाले, स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग और व्यापारियों को फंसा कर ब्लैकमेलिंग करते हैं।इतना ही नहीं जब उनकी ब्लैकमेलिंग फेल हो जाती है, तब यह लोग अपने शिकार पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर परेशान करते हैं। कुछ लोग टूटते हैं और इनके द्वारा मांगी गई राशि में 19-20 कर समझौता कर लेते हैं। इससे इस गिरोह का हौसला बढ़ा हुआ है। हालांकि देश के अनेक शहरों में अवैध कमाई के लिए अपराधी खुलेआम हथियार लेकर लोगों को डराकर वसूली करते हैं। लेकिन विनोद सिंह ने रुपया वसूली का नया ट्रेंड चालू कर दिया है। यह समाज में प्रतिष्ठा पाने के लिए फर्जी पत्रकार बन बैठा है और सफेद पोस बंनकर लोगों से पैसे की वसूली करने में लगा हुआ है। इससे संबंधित अनेक मामले विभिन्न स्थानों में दर्ज है।
गिरोह के सदस्य
गिरोह का सरगना विनोद सिंह, उसकी पत्नी बिन्दन सिंह, नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर, नौकरानी अदिति सिंह, साइबर अपराध में नामजद अविनाश शर्मा , अमिताभ वर्मा तथा महिलाँए सहित दर्जनों लोग शामिल है। सभी को अलग-अलग कार्य बांटे गए हैं। कोई शिकार फँसाता है ,तो कोई साइबर के जरिए उनके अकाउंट ,उनके पर्सनल डाटा को हैक कर जानकारी संग्रह करता है ,तो कोई धमकी देता है,कोई रुपए वसुलने जाता है। इस तरह यह संगठित होकर पूरा गिरोह कार्य कर रहा है।
जाने, ब्लैकमेलिंग के कितने प्लेटफार्म
ब्लैकमेलर फर्जी पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह ने ब्लैकमेलिंग के लिए तक्षक पोस्ट, स्पाई पोस्ट, ई पेपर, विनोद मीडिया, जर्नलिस्ट विनोद सिंह, जे के 24×7 , मध्यप्रदेश एन डी टीवी के अलावा अन्य नामों से प्लेटफार्म बना रखा है। वही साइबर अपराध में नामजद अविनाश शर्मा ने न्यूज़ टाइम्स झारखंड के नाम से प्लेटफार्म बना रखा है। इसके अलावा और भी विभिन्न नाम के प्लेटफार्म है। जब जैसा मौका मिलता है तब वह इन संस्थाओं का प्रतिनिधि या पत्रकार बनकर लोगों के पास पहुंचते हैं ।और अपने मीठे-मीठे बातों का झांसा देकर फसाते हैं। जब लोग फंस जाते हैं, तब यह उन्हें ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर देते हैं। कुछ दिन पूर्व न्यूज़ लहर ने इस ब्लैकमेलर गिरोह के सरगना विनोद सिंह को चैलेंज किया था कि वह चपरासी के लायक भी नहीं है, अगर उसमें काबिलियत है तो वह किसी भी समाचार पत्र में चपरासी का ही नौकरी पाकर दिखा दे । अब उस बात को काउंटर करने के लिए इसने जे के 24 ×7 नाम के एक पोर्टल में स्पेशल कॉरस्पॉडेंट के रूप में नौकरी पाने का सॉन्ग रचा। जे के 24 ×7 का आई कार्ड गले में डाल करके अपने स्टेटस में लगाया। जबकि पूरा शहर जानता है यह स्कूटर मैकेनिक कम पढ़ा लिखा है। इसे लिखने नहीं आता है। तब कोई भी संस्था इसे स्पेशल कॉरस्पॉडेंट की नौकरी कैसे दिया। पत्रकारिता के मामले में इसमें क्या खासियत है, या तो वह संस्था भी ब्लैकमेलर गिरोह का एक हिस्सा है या स्वयं विनोद सिंह ने बनाया है। जिसमें अपनी इज्जत बचाने के लिए इसने 24 × 7 का आई कार्ड लगाकर लोगों को झांसा देने का काम कर रहा है। इससे पहले और अब भी तक्षक पोस्ट का आई डी लेकर चलता है। जबकि नियमतह जे के 24 × 7 का आई कार्ड लगाकर रिपोर्टिंग में जाना चाहिए।यह विचार करने योग्य बात है कि विनोद सिंह का अपना तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट है। जिसका यह मालिक है। इसको ऐसी क्या आन पड़ी जो जे के 24 ×7 के लिए नौकरी करनी पड़ी और वहां स्पेशल कॉरस्पॉडेंट हो गया। आप समझ सकते हैं कोई भी व्यक्ति अपने संस्थान का मालिक होकर दूसरे के यहां क्यों नौकरी करेगा?
इसी तरह इस गिरोह की सदस्य अदिति सिंह ने मध्यप्रदेश एनडीटीवी के बैनर के आगे खड़ा होकर अपना एक फोटो खिंचवाया और उसे अपने स्टेटस में लगा दिया। लोगों को यह बताने की कोशिश की कि वह एनडीटीवी में पत्रकार है। जबकि असलियत यह है कि वह जमशेदपुर में रहकर विनोद सिंह के गिरोह के साथ मिलकर लोगों से रुपए की उगाही में लगी हुई है।वह अनेक मुकदमों में नामजद आरोपी है। ऐसे में एनडीए टीवी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान किसी नामजद आरोपी को बगैर पुलिस भेरिफिकेसन के नौकरी पर रख लेगा। जबकि अदिति सिंह के बारे में कहा जाता था कि वह मेंस पार्लर में मसाज का काम करती थी। (न्यूज़ लहर इसकी पुष्टि नहीं करता।) वहां से विनोद सिंह अदिति सिंह को घर में झाड़ू पोछा लगाने के लिए नौकरानी के रूप में ले आया, तब से यह विनोद सिंह के गिरोह में शामिल होकर रूपयों की वसूली में लगी हुई है। इसके विरुद्ध सिदगोड़ा में शिक्षा संस्थान चलाने वाली आंचल महतो ने पुलिस और सोशल मीडिया पर लिखा, ब्लैकमेलिंग करने की जानकारी दी है ।इसी तरह गिरोह के अनेक लोग विभिन्न आपराधिक मामले में नामजद है।
गिरोह के सदस्यों पर दर्ज मामले
ब्लैकमेल गिरोह के सरगना विनोद सिंह और उसके सदस्यों के विभिन्न स्थानों में अनेक मामले दर्ज है। जिसमें cyber पी एस केस नंबर 50/22, विनोद सिंह बिन्दन सिंह इंद्रजीत सिंह भुल्लर अविनाश शर्मा अदिति सिंह अमिताभ वर्मा साकची पी एस केस नंबर 36/2015है। वही बिरसानगर स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम के मालिक जयप्रकाश सिंह ने विनोद सिंह एवं अन्य पर 50000 रुपया धमका कर लिए जाने और ब्लैकमेलिंग का मामला एडीजे 2 के कोर्ट में दर्ज किया है। जिसका p.s case नंबर 21/ 22 है। इसी तरह c1 केस नंबर 314 8/ 23 है। c1 केस नंबर2577/23है,जो सीजीएम जमशेदपुर के कोर्ट में लंबित है। वही इंद्रजीत सिंह भुल्लर ने बारीडीह में टीवी हॉस्पिटल का एक एकड़ जमीन कब्जा कर बेचने के फिराक में लगा हुआ है। जिसमें पूरा गिरोह ने इस जमीन का सौदा विभिन्न लोगों से 5 करोड़ रूपया में कर रखा है। अब तक न्यूज़ लहर को यह जानकारी मिली है। जांच होगी तो और भी चौंकाने वाले इन फर्जी पत्रकार गिरोह का सच लोगों के सामने आयेगा चुकी कुछ पुलिस अधिकारी इनसे नजराना लेकर बचाव में लगे हुए हैं ,और कुछ तथाकथित पत्रकार भी शराब पीने के चक्कर में पर्दे के पीछे से मदद कर रहे हैं, इसलिए अब तक यह गिरोह फल फूल रहा है ।आवश्यकता है कि ऐसे कुर्कमियों को सामाजिक बहिष्कार हो और जिला प्रशासन इन पर कानूनी कार्रवाई करें।