गणेश की पूरी श्रृद्धा से अराधना करने से बिगड़े और रुके काम पूरे हो जाते हैं – -महाप्रबंधक संजय कुमार बनर्जी “गण” शब्द का मतलब होता है “समूह” या “ग्रुप,” और “पति” का मतलब होता है “स्वामी” या “प्रभु.”

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित
सेल गुवा महाप्रबंधक सिविल विभाग संजय कुमार बनर्जी ने बताया कि इस कलयुग में सभी तरह के कष्टों का निराकरण हेतु विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश का पूजन अत्यंत अनिवार्य है ।भारत देश ही नहीं विदेशों में भी भगवान गणेश की पूजा पूरे सच्चे मन से श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही है । सेल गुवा महाप्रबंधक संजय बनर्जी के अनुसार सनातन धर्म में माना जाता है कि अगर कोई भक्त भगवान गणेश की पूरी श्रृद्धा से अराधना करता है, तो उसके बिगड़े काम बन जाते हैं और रूके हुए काम पूरे है जाते हैं ।धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश का सिर्फ ध्यान करने से ही व्यक्ति के जीवन की सारी मुश्किलें हल हो जाती हैं ।भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही गणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। लेकिन इसके साथ ही कुछ लोगों का मानना है कि वेद-व्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की तो बप्पा ने 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखी थी ।गणपति जिसमें “गण” शब्द का मतलब होता है “समूह” या “ग्रुप,” और “पति” का मतलब होता है “स्वामी” या “प्रभु.” यानी इसका यहां पर मतलब होता है कि गणपति भगवान यानी की गणेश जी को उनके समूह का स्वामी या प्रभु माना जाता है