हजारीबाग में दिखाई देगा अनोखी खगोलीय घटनाएं,सूर्य शून्य डिग्री पर होगा और दिन व रात की अवधि समान होगी
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: अनोखा नजारा देखा है तो आए हजारीबाग। यहां 23 सितंबर को सूर्य शून्य डिग्री पर होगा और दिन व रात की अवधि समान होगी। बड़कागांव के पकरी बरवाडीह से 23 सितंबर की सुबह 6:10 बजे इक्वीनोक्स (समदिवारात्रि) के खूबसूरत सूर्योदय का नजारा खगोलप्रेमी उठा पाएंगे।खगोल प्रेमी यह मना रहे हैं कि बस आसमान में बादल न हो।फिर सूर्य 24 सितंबर से मकर रेखा की तरफ दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर अग्रसर होता दिखाई देगा। पूरा नजारा वहां खड़े ‘वी’ आकार के दो महापाषाणों (मेगालिथ) के बीच से एक निश्चित जगह बने पत्थर के पास से ही दिखेगा।यह खगोलीय घटना देखने की परंपरा अतिप्राचीन मानवों खासतौर पर आदिवासियों के सटीक गणितीय गणना और उनके अध्यात्म से जुड़ी है।पकरी बरवाडीह जैसे गिने-चुने इक्वीनोक्स स्थल ही विश्व में है। भारत में यह इकलौता, ऐतिहासिक और अनोखा इक्वीनोक्स स्थल है। ऐसे स्थल इंग्लैंड के न्यूग्रेंज और हेरेंज में देखने को मिलते हैं, जहां इक्वीनोक्स के अनोखे सूर्योदय का नजारा देखने के लिए दुनियाभर के लाखों लोग जुटते हैं।इसकी खोज वर्ष 2000 में मेगालिथ शोधकर्ता सह खोजकर्ता हजारीबाग नवाबगंज निवासी शुभाशीष दास ने की थी। बड़कागांव का पकरी बरवाडीह स्थित इक्वीनोक्स स्थल देश और दुनिया भर में मशहूर है। यहां ब्रिटेन के मेगालिथिक एक्सपर्ट एंटोनी रॉबर्ट क्रेरार, जर्मनी ड्रेसडेन म्यूजियम की डायरेक्टर मिस लीडिया, यूरोपीय यूनियन के दंपती फिलिप और ग्राटिएर आदि आ चुके हैं। इक्वीनोक्स की यह घटना जलविषुभ के नाम से भी जाना जाता है।