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महाजनों से लड़ते-लड़ते सोरेन परिवार खुद ही महाजन बन बैठा: बाबूलाल मरांडी…. ईडी के चार बार समन के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दफ्तर में जाने से क्यों कतरा रहे, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में लूट खसोट आम कर दिया है

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला में भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर हमला करते हुए कहा कि महाजनों से लड़ते-लड़ते शिबू सोरेन के परिवार खुद ही महाजन बन बैठे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के चार बार समन के बावजूद उनके सामने उपस्थित नहीं हुए हैं। कहीं ना कहीं गलत करने का डर उन्हें सता रहा है ।

उक्त बातें मझगांव विधानसभा के मझगांव उच्च विद्यालय फुटबाल मैदान में आयोजित भाजपा के संकल्प यात्रा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा।

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार लूट खसोट में लगी हुई है। शिबू सोरेन झारखंड राज्य अलग लेने की लड़ाई के दौरान महाजनों के विरुद्ध खुलकर सामने आए थे। लेकिन झारखंड में आज सोरेन परिवार खुद ही महाजन बन बैठा है। अवैध संपत्ति , गलत तरीके से कमाई करना और संपत्ति अर्जित करना उनकी आदत बन गई है। ईडी के द्वारा चार बार समन किया गया। लेकिन मुख्यमंत्री ईडी के दफ्तर में नहीं जा रहे हैं , क्योंकि उन्हें पूरी तरह फंसने का डर सता रहा है। केंद्र में मोदी सरकार बनते ही सबसे गरीब महिलाओ के लिए पहले शौचालय बनाया। हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री आवास बनाने में सफल नही हुए। पीएमआरआवास में भी रिश्वतखोरी का काम करते है। पीएम हर महिना प्रत्येक परिवार को 5 किलो आनाज देने का किया। हेमंत सोरेन ने केंद्र का राशन को भी बेच देते है। गैस सिलेंडर में 400 रुपये का निजात दिया। देश के कारीगरो के लिए 13 हजार करोड दिया है। मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तालाक कुप्रथा का समाप्त किया। वर्तामान नें महिलाओ को 33 प्रतिशत महिलाओ आरक्षण दिया। देश व राज्य में संयुक्त बीजेपी सरकार होती है तो राज्य में विकास काफी होती है। देश में भाजपा का सरकार के कार्यकाल में झारखंड बना है। भाजपा ने आदिवासियो के 8 लोगों को मंत्री व राष्टपति आदिवासी महिला को बनाया है। 2000 से पहले राज्य मे सड़क तक नही बना था। आज हर गांव में बिजली व सडक का निर्माण हुआ है। लेकिन राज्य में हेमंत सोरेन के सरकार कार्यकाल में लुट, रिश्वतखोरी का काम कर रहें है। हेमंत सोरेन ने पुलिस कर्मी को नदी किनारे खड़ा कर दिया है, रिश्वत लेने के लिए। उन्होने कहा कि जाति, आय व मृत्यु प्रमाण पत्र में भी अंचल मे पैसा देना पढ़ता है। अगर घर में नया बहु आई तो राशन कार्ड में नाम जोड़वाने के लिए भी दो हजार रिश्वत देना पड़ता है। सरकार सरकारी पदाधिकारी की ट्रान्स्फर पोस्टिंग में रिश्वत नही लेती तो आज रिश्वरखोरी नही होता। 700 करोड़ रुपये डीएमएफटी फड़ का पैसा पड़ा हुआ है। वह पैसे को विधायक चोरी करने में लगे हुए है।

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