राज्य के सातवें मेधा डेयरी प्लांट का उद्घाटन करेंगे मुख्यमंत्री* *28 करोड़ की लागत से निर्मित प्लांट से 25 हजार से अधिक पशुपालकों को होगा फायदा* *प्रतिदिन 50 हजार लीटर दूध की होगी प्रोसेसिंग, भविष्य में एक लाख तक बढ़ाई जा सकती है क्षमता* *तकनीक के माध्यम से गुणवत्ता होगा बेहतर*
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के समीप गणके गांव में करीब 28 करोड़ की लागत से स्थापित मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का उद्घाटन 4 अक्टूबर 2023 को माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन करेंगे। मौके पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री श्री बादल, योजना सह वित्त विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव, मेधा डेयरी प्लांट के एमडी सुधीर कुमार सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे। 5 एकड़ की भूमि पर पलामू में स्थापित मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। दूध का प्रोसेसिंग से लेकर पैकेजिंग की बेहतर सुविधा है। उद्घाटन के उपरांत मेधा नाम से उत्पाद बाजार में उपलब्ध हो जायेंगे। मेधा डेयरी प्लांट से पलामू प्रमंडल के 25 हजार से अधिक पशुपालक किसान भाईयों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में यहां दूध की पैकेजिंग होगी। भविष्य में यहां दही, पनीर, लस्सी, पेड़ा, राबड़ी एवं गुलाब जामुन का निर्माण कर बाजार में उतारा जायेगा। पलामू का मेधा डेयरी प्लांट राज्य का सातवां डेयरी प्लांट है। इसके पूर्व से रांची, देवघर, कोडरमा, लातेहार, सारठ एवं साहिबगंज में प्रोसेसिंग प्लांट कार्यशील है।
*झारखंड मिल्क फेडरेशन करेगा संचालन*
*मेधा डेयरी प्लांट के एमडी सुधीर कुमार* ने बताया कि पलामू में स्थापित डेयरी प्लांट का संचालन झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा किया जायेगा। प्लांट तकनीक से लैस है। कच्चा एवं प्रोसेस दूध को स्टोरेज करने के लिए 4 मिल्क सायलो लगाया गया है। प्रत्येक की क्षमता 20-20 हजार किलो लीटर की है। वहीं 5 हजार लीटर क्षमता की पास्तुराइजर लगे हैं, जो दूध में व्याप्त अनावश्यक तत्वों को नष्ट करने का कार्य करेगा। वहीं 5 हजार लीटर क्षमता की क्रीम सैपरेटर लगे हैं, जिसके माध्यम से दूध के क्रीम को अलग किया जायेगा। वहीं 5 हजार लीटर क्षमता की होमोनाइजर लगे हैं। यहां से संतुलित दूध निकलेगा। सैपरेटर एवं होमोनाइजर के माध्यम से दूध की गुणवत्ता का विकास होगा। इसके अलावा अमोनिया रेफ्रिजरेटर प्लांट लगे हैं, जिसके माध्यम से दूध को ठंडा किया जायेगा। इसके अलावा दो हजार किलोग्राम प्रति घंटा क्षमता की दो ब्वॉयलर लगे हैं। इससे दूध को गर्म करने की व्यवस्था की गयी है। दूध को 80 डिग्री तापमान पर गर्म करने का प्रावधान है, इसके बाद 4 डिग्री तापमान पर उसे ठंडा किया जाता है, ताकि दूध व्याप्त स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले बैक्ट्रिया को समाप्त किया जा सके।
उन्होंने बताया कि मेधा डेयरी प्लांट की स्थापना से पलामू प्रमंडल के युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
*प्लांट एंड प्रोडक्ट हेड उमाशंकर सिंह* ने बताया कि डेयरी प्लांट से दूध प्रोसेसिंग के संपूर्ण ट्रायल पूरा कर लिया गया है। उद्घाटन के बाद प्रोसेस किया हुआ दूध बाजार में उतरेगा।
*खाद्य सुरक्षा का विशेष ध्यान*
प्रोसेसिंग प्लांट में खाद्य सुरक्षा का विषेष ध्यान रखा गया है। बैच को स्ट्रेलाइज्ड करने का विषेष प्रबंध है। वहीं कोल्ड चेन को मेंटन करने के लिए इंसुलेटेड एवं रेफ्रिजरेटेड वाहनों की व्यवस्था की गई है। वहीं अपग्रेटेड लेबोरेटरी है, जिसके माध्यम से गुणवत्ता के हरेक पैरामीटर की जांच कर दूध का संग्रह किया जाता है और उसे बाजार तक पहुंचाया जाता है। डेयरी प्लांट केमिकल रहित है। दूध को हिटिंग एवं कुलिंग के माध्य से तैयार किया जाता है।
*प्रमंडलीय आयुक्त मनोज जायसवाल* ने बताया कि पलामू में डेयरी प्लांट की स्थापना से पलामू प्रमंडल के पशुपालक किसान भाईयों को फायदा होगा। पलामू प्रमंडल क्षेत्र में कई ऐसे किसान हैं, जो गौ-पालन करते हैं। पशुपालकों को दूध बिक्री करने में सहुलियत होगी। यहां कृषि कार्य के साथ-साथ दुधारू पशुओं के पालन को भी बढ़ावा मिलेगा। आयुक्त ने पलामू के पशुपालक किसान भाइयों से गौ-पालन पर ध्यान देने की अपील की है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।