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संथाली भाषा के पोथी लेखक रामदास टुडू के जयंती पर डॉ सुनीता ने किया माल्यार्पण

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित धालभूमगढ़ के करवाकाटा गांव को इतिहास के पन्नों में जगह दिलाने वाले और संथाली का पहचान दिलाने वाले, संथाली पोथी लेखक रामदास टुडू का जन्म जयंती था।इस शुभ अवसर पर अतिथि के रूप में पहुंचकर समाजसेवी सह भाजपा नेत्री डॉक्टर सुनीता देबदूत सोरेन ने , करवाकाटा फुटबॉल मैदान में स्थित लगे रामदास टुडू की मूर्ति पर फूलों के माला से माल्यार्पण किया । तथा उनके चरणों में पुष्प देखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।
इस अवसर पर पूर्व जिला परिषद सदस्य आरती सामद भी मौजूद रही ।


डॉ सुनीता ने कहा कि रामदास टुडू
एक संथाली लेखक और शिक्षक थे। वह संथाली साहित्य के प्रारंभिक काल के सबसे उल्लेखनीय लेखक हैं। उन्होंने 1894 में पारंपरिक संथाल अनुष्ठानों पर एक किताब लिखी, जिसका नाम खेरोवाल बोंगसो धरम पुंथी था। हर धर्म की अपने धर्म, संस्कृति, आध्यात्मिक विचारों और जीवन के बारे में उनके विचारों के बारे में अपनी किताब होती है। वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आदिवासी संथाल लोगों के दैनिक जीवन को अपनी पुस्तक में दर्शाया है। संताली साहित्य और संस्कृति में उनके योगदान के लिए कलकत्ता विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया था ।
उन्होंने कहा कि समाज को बेहतर बनाना हम सबों का जिम्मेदारी बनता है । हम अपने समाज का पहचान कभी मिटने नहीं देंगे ।
इस कार्यक्रम के मौके पर सैकड़ो की संख्या में ग्रामवासी मौजूद थे ।

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