सिक्किम में आई बाढ़ में 14 लोगों की मौत, 22 जवानों समेत 104 से अधिक लापता, सेना ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
न्यूज़ लहर संवाददाता
सिक्किम: अचानक आई बाढ़ में 14 लोगों की मौत, 22 जवानों समेत 104 से अधिक लापता हैं।तीन हजार से अधिक प्रत्येक फंसे हुए हैं।इधर, सेना ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। वही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस गुरुवार सुबह ही सिक्किम के दार्जिलिंग पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत की खबर है। वहीं 22 सैन्यकर्मी समेत करीब 104 लोग लापता बताए गए हैं, जिनकी खोज जारी है।सिक्किम की बिगड़ती स्थिति के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस गुरुवार सुबह ही सिक्किम के दार्जिलिंग पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। “हालात बहुत चिंताजनक है। लोग पीड़ित हैं, अब भी अनिश्चितता है… हम देख रहे हैं कि जल्द से जल्द क्या निवारक उपाय किए जा सकते हैं। बाढ़ से पहले, बाढ़ के दौरान और बाढ़ के बाद कई चीजें हैं जो आदर्श रूप से की जानी चाहिए, हम उसके लिए तैयारी कर रहे हैं।”
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रोजेक्ट स्वास्तिक के तहत उत्तरी सिक्किम के गंभीर रूप से प्रभावित चुंगथांग और मंगन क्षेत्र में राज्य प्रशासन के समन्वय में बचाव कार्यों के साथ-साथ क्षति को कम करने के लिए अभियान जारी है। क्षेत्र में चार महत्वपूर्ण पुल गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
सिक्किम के मंगन जिले के डिक्चु में अचानक बादल फटने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी है। 100 से अधिक लोगों को पास के सरकारी स्कूल के राहत शिविर में पहुंचाया गया।इस बीच भारतीय सेना ने सिक्किम में लापता हुए आम लोगों और सैनिकों के परिवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए है।
यह नंबर हैं
उत्तर सिक्किम के लिए: 8750887741
पूर्वी सिक्किम के लिए: 8756991895
लापता सैनिकों के लिए: 7588302011
अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की पहचान जाहिर नहीं की है, हालांकि इनमें अधिकतर आम नागरिक हैं। उन्होंने बताया कि सुबह लापता हो गए सेना के 23 जवानों में से एक को बाद में बचा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ की स्थिति चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई।