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राजनगर प्रखण्ड में जितिया पूजा धूमधाम से संपन्न

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: सरायकेला खरसावां जिला स्थित राजनगर प्रखण्ड के ग्राम में जितिया पूजा धूमधाम से संपन्न हुआ ।जितिया पूजा में महिलाएं निर्जला व्रत को विधि विधान से मानकर अष्टमी के दिन धूप दीप अक्षय पुष्प मिठाई फल आदि अर्पित करते हुए पूजा अर्चना कर अपने संतान की लंबी आयु की कामना करते हुई , सुख , समृद्धि रोग मुक्त वातावरण की कामना किये ।पूजा के बाद पुजारी ने जितिया के व्रत कथा सुनाये।

जितिया के दिन व्रत कथा जीत वाहन की पूजा विधि विधान है। अष्टमी के दिन प्रदोष काल में तालाब में निकट कुशा से जीत वाहन की मूर्ति बनाई जाती है साथ ही कथा के चील और सियारिनी की मूर्तियां भी गोबर से बनाते हैं सबसे पहले जीतवाहन को धूप, दीप , फूल , मिठाई ,
धान का पौधा ,अक्षत चढ़ाए तथा चील और सियार को लाल सिंदूर से लगते हैं उपवास के दौरान सियार को बहुत भूख लग गयी और वह जाकर चुपके से मरे हुए जानवर का मरा हुआ मांस खा लिया , लेकिन चील ने पूरे समर्पण के साथ व्रत का पालन कर पूरा किया है। अगले जन्म में दोनों मनुष्य रूप जन्म लिया। चील के कई पुत्र हुए और सभी जीवित रहे लेकिन सियार के पुत्र होकर मर जाते थे इससे बदले की भावना से उसने चील के बच्चों को कोई बार मारने का प्रयास किया , लेकिन वह सफल नहीं हुआ। बाद में चील ने सियार का अपने पूर्व जन्म के जितिया व्रत के बारे में बताया। इस व्रत में सियाल ने भी संतान का सुख प्राप्त हुआ । इस तरह यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए संसार में प्रसिद्ध हुआ । पूजा में उपस्थित गोपबन्धु उच्च विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक नुनु राम महतो , कृष्ण चंद्र महतो , गणेश चंद्र महतो , बुद्धेश्वर दास , सुनिल दुबे , राजेश दुबे , सत्यनारायण दास , नकुल दास आलेख दास , कृष्ण दास , समनाथ नन्द, नीतीश महतो , नंदलाल मंडल, गोपीचंद मंडल , दीपक मंडल ,सुकरा मंडल , चामटू कैर्वत , मनतोष बारिक, निलकंठ बारिक ,लयन कैर्वत, रंजित कैर्वत , बाबू पति,देवनाथ पति, गुरुबा कैर्वत, बुधू पुरती ,विरधान सोय बसन्त तांती , कर्ण कैर्वत एवम् ग्रामवासी आदि उपस्थित थे।

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