पांच महीने से वेतन नहीं मिलने पर होमगार्ड के जवान अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल धरना पर बैठे
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में खासमहल स्थित सदर अस्पताल में तैनात तीस जवानों को पांच महीने से वेतन नहीं मिलने पर वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल धरना पर बैठ गए हैं। यहां कुल 42 गृह रक्षा वाहिनी के जवान पद स्थापित थे जहाँ 12 जवानों को तत्काल हटा दिया गया है। फिलहाल 30 जवान ही है जो की अस्पताल की सुरक्षा में तैनात है।
धरना पर बैठे इन 30 जवानों को पिछले 5 महीना से भुगतान नहीं हुआ है। जिसके कारण जवानों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि छोटे-छोटे बच्चों का स्कूल फीस भी वे जमा नहीं कर पा रहे हैं थक हार कर जवानों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का मन बना लिया और सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए जानकारी देते हुए होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष रमेश प्रसाद ने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से इन जवानों का वेतन किया जाता आ रहा था और आज सिविल सर्जन के द्वारा बताया जा रहा है कि आउटसोर्स का जो फंड है वह पूरी तरह से नील है। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं इस भुगतान न होने के पीछे राजनीति है कहीं ना कहीं होमगार्ड के जवानों को हटाकर निजी सुरक्षा कर्मियों को काम देने की एक साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा 5 महीने से जवानों के परिवार के सदस्य दाने-दाने को मोहताज है। पर किसी तरह का कोई कदम सिविल सर्जन के द्वारा नहीं उठाया जा रहा है। थकहार कर आज सभी आंदोलन के लिए बाध्य हुए हैं।
दूसरी तरफ सिविल सर्जन जुझार मांझी ने कहा कि वे भी इस स्थिति से परेशान है, सरकार के द्वारा आउटसोर्स फंड में पैसा नहीं भेजा जा रहा है जिसकी वजह से इनका भुगतान नहीं किया जा पा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस मद का पैसा है, उस मद में ही भुगतान किया जा सकता है। आउटसोर्स का पैसा नहीं आया है जिसकी वजह से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जैसे पैसा आएगा सभी का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से भुगतान नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से संख्या बल काम किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि अगर आउटसोर्स के साढे चार करोड रुपए नहीं आएंगे तो अगले महीने से 300 से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी का भुगतान करना संभव हो जाएगा, साथ ही उन्होंने निजी सुरक्षा कर्मियों की बात को सिरे से नकार दिया।