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अभिज्ञान महोत्सव में सजे विज्ञान के 275 और कला के 670 मॉडल

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:छात्रों में छिपी अन्वेषणात्मक प्रवृत्ति को जागृत करने का सशक्त माध्यम है – विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी। इस उद्देश्य को समर्पित जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के प्रांगण में एक दिवसीय ‘अभिज्ञान विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी – 2023’ का भव्य आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि राम कृष्ण मिशन, मोरबादी, राँची के सहायक सचिव स्वामी अन्तरानंद स्वामी, विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा एवं प्राचार्य समरजीत जाना एवं श्रीमती विदिशा जाना के सामूहिक दीप प्रज्ज्वलन से हुई। तत्पश्चात् सभी गणमान्य एवं 30 निर्णायक गण के सदस्यों को पुष्प-गुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर मुख्य अतिथि द्वारा ‘अभिज्ञान – 2023 के शुभारंभ’ की औपचारिक घोषणा की।

कक्षा नर्सरी से बारहवीं के लगभग 1500 छात्र-छात्राओं ने विज्ञान, वाणिज्य, समाज विज्ञान, कंप्यूटर, खेल एवं अद्यतन विषय से संबंधित 275 तथा आर्ट-क्रॉफ्ट एवं पेंटिग्स के 670 मॉडल प्रस्तुत किए।
इन प्रदर्शनी में DNA फिंगर प्रिंट्स, हार्ट अटैक व कोविड लीकेज, हाइड्रोजन फ्यूल, केमिकल एफेक्टिंग मूड, नैनो यूरिया, टेसला कोल, चंद्रयान -3, आदित्य- L1, मैग्लेब हाइपर लूब, ग्रैविटी बैट्री, Li-fi, टाइम ट्रेवल विथ रिफरेन्स टू स्टोरी, मिरेकल प्लेस, पिरामिड ऑफ गीज़ा, साइंटिफिक मैनेजमेंट, सोशल मीडिया, स्पेस लॉ, वेस्ट टू वंडर, बायो प्लास्टिक, एम्बाफोनिक्स, निपाह वायरस, जैविक कृषि, वेदषु विज्ञानम्, राम मन्दिरम्, संस्कृत कला भाषा महत्त्वं, भारतीय संस्कृति को बचाने का प्रयास, विश्वगुरु भारत, हैप्पी ब्रेन, न्यूक्लिअर पावर स्टेशन, गैसो मीटर स्टूडियो, फेस रिकॉग्निशन डिवाइस, सीवेज सिस्टम ड्रोन, एजुकेशन विथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पाइथोगोरस थियोरम, कोणिक सेक्शन, स्मार्ट सिटी, मिशन टू मार्श, रुवेन्स ट्यूब, वर्टीकल एक्सिस वुण्ड टरबाइन, होलोग्राम, साँची स्तूप, भारीय परिधान, डिजिटल साक्षरता, सर्कुलर जेल, प्राचीन भारत का स्वर्णयुग, महिला आरक्षण, स्टार ऑफ इंग्लिश लिट्रेचर, द सेल्फिश जायंट, यूटोपिया एंड डिसटोपिया, प्लेट टेक्निक, ग्लोबल वार्मिंग एवं क्लाइमेट चेंज, कृत्रिम वर्षा, ऑरा बोरोसिल्स भूमिगत जल स्त्रोत की रक्षा आदि से संबंधित मॉडल चर्चा के विषय बने रहे।
वहीं वाटर कलर पेस्टल कलर, एक्रीलिक पोस्टर, पेपर क्रॉफ्ट, वेस्ट मेटेरियल, पुट्टी, क्ले, मधुबनी और सोहराय पेंटिंग आदि से बने पेंटिग्स एवं आर्ट व क्रॉफ्ट के विभिन्न मॉडल को देखकर अभिभावक आश्चर्य चकित थे जहाँ उनकी जिज्ञासा और कौतूहल देखते बनता था।
प्रदर्शनी के बीच माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत ‘बचपन बचाओ’ और ‘पिंजड़ा’ आकर्षण के केंद्र बने। जहाँ जीवन की व्यस्त आपाधापी के बीच आत्महत्या को गले लगाते विद्यार्थी के अवसाद पूर्ण जीवन और काम के बोझ तले सिसकते बचपन को चरितार्थ किया गया।
मुख्य अतिथि स्वामी अन्तरानंद जी ने बच्चों के मनोबल को उत्साहित किया तथा ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के द्वारा अनेक विद्वानों की उक्तियों को उद्वेलित करते हुए शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
प्राचार्य समरजीत जाना ने अभी आगंतुकों का स्वागत किया और कहा कि लगभग 1600 मॉडलों के बीच प्रदर्शन हेतु 945 मॉडलों का चयन करना बेहद ही मुश्किल भरा काम था। बच्चों के ये मॉडल पूरी तरह व्यवहारिक हैं जिनसे छात्रों के बीच प्रैक्टिकल लर्निंग होता है। हर साल बच्चे इस दिन का इंतज़ार करते हैं ताकि अपनी वैज्ञानिक सोच एवं कलात्मक हुनर को प्रस्तुत कर सकें। इस प्रकार की प्रदर्शनी से जहाँ नए ज्ञान की प्राप्ति होती हैं वहीं बच्चे अनुसंधान की ओर अग्रसरित होते हैं।

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