इजरायल युद्ध से समझे अग्निविर योद्धाओं का महत्व,जिसका हो रहा था विरोध
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:फिलिस्तीन- इजराइल युद्ध में इजराइल ने अपने 3 लाख रिज़र्व सैनिक बुलाये हैं। इज़राइल में लड़कों को 3 वर्ष और लड़कियोंय को 2 वर्ष सेना में बिताना आवश्यक है। इजराइल में 60 लाख यहूदी हैं जो पूरी दुनिया के मुसलमानों का विरोध झेलते हुए विकास कर रहे हैं। आज इजरायल के सैनिक हमास आतंकियों से अपने देश का बचाव कर रहे हैं। हमारे देश की विपक्षी पार्टी , इज़राइल के नागरिकों पर हमास के आतंकवादी हमले के बाद भी फिलिस्तीन का साथ दे रही है। इज़राइल के निर्दोष नागरिकों पर पर हुए हमले के बावजूद इस्लामिक देश अभी हमास का साथ दे रहे हैं। यानि कि इज़राइल का एक सहारा उसके सैनिक और हथियार हैं।
आपको याद है जब मोदी जी ने अग्निवीर योजना बनाई थी तभी इन्ही विपक्षियों ने “4 साल के सैनिक” कहकर मज़ाक उड़ाया था। 40000 अग्निवीरों का एक बेच निकल गया है दूसरा शीघ्र निकलेगा। देश में हथियार बनाने की नई फैक्ट्रीज तथा डिफेंस का निजीकरण कर भारत को हथियार निर्माण में स्वाबलम्बी बना दिया। याद रखिये हमारे पड़ोस में 2 बड़े दुश्मन देश चीन व पाकिस्तान हैं, आपको मालूम ही है कि युद्ध की स्थिति में हमारे विपक्षी दल, इस्लामिक देश और वामपंथिओं का रुख कैसा होगा!! यही अग्निवीर और देश निर्मित हथियार काम आयेंगें।