Regional

बाल विवाह रोकना हमारी नैतिक जिम्मेवारी: उपायुक्त पलामू में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन कार्यशाला में पुस्तक “व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन” का किया गया लोकार्पण

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का घोर उल्लंघन है। यह बच्चों के जीवन मे अंधकार लाता है और बचपन को नष्ट कर देता है। इंसानियत के नाते हम सभी का फर्ज है कि इन कुरीतियों के खिलाफ  खड़े होकर इस कुप्रथा को रोकना होगा। ये बातें उपायुक्त पलामू शशि रंजन ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थ

उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में सोमवार को समाहरणालय सभागार में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के बैनर तले अग्रगति इंडिया संस्था के द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपायुक्त ने प्रखर अधिवक्ता भुवन ऋभु की लिखी पुस्तक “व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन” का लोकार्पण किया। साथ ही उपायुक्त श्री रंजन ने कार्यशाला में मौजूद सभी पदाधिकारियों को बाल विवाह को रोकने की शपथ दिलाई।

कार्यशाला में उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह न सिर्फ एक कम उम्र की लड़की के बचपन को अचानक से खत्म कर देता है, बल्कि उसके स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करता है और यह पीढ़ी दर पीढ़ी उनके भविष्य को भी बर्बाद कर देता है। कभी-कभी बाल विवाह के खिलाफ कानून होने के बावजूद कानून लागू नहीं किया जाता है ताकि लोग बच्चे के साथ विवाह कर सके, लेकिन यह एक अपराध है। उन्होंने कहा कि स्कूलों कॉलेजों में लोगों को बाल विवाह के बुरे प्रभावों के बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि लोग बाल विवाह के मामलों की रिपोर्ट कर सके। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि बाल विवाह में शामिल लोगों को कड़ी सजा मिले।

उपायुक्त ने डीएसडब्ल्यूओ के नेतृत्व में क्विक रेस्क्यू टीम बनाने का दिया निर्देश

बाल विवाह के खिलाप खडी होने वाली जिले के तीन किशोरियों की उपायुक्त किया सम्मानित

उपायुक्त श्री रंजन ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के नेतृत्व में एक क्विक रेस्क्यू टीम बनाने का निर्देश दिया। यह टीम बाल विवाह, बाल मजदूरी,बाल तस्करी और बाल यौन शोषण के खिलाप कार्य करेगी और अग्रेतर कार्रवाई हेतु सीडब्ल्यूसी को रिपोर्ट करेगी ताकि संबंधितों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके। बाल विवाह के खिलाप खडी होने वाली जिले के तीन किशोरियों को उपायुक्त ने कार्यशाला में सम्मानित किया। इन सभी के अभिभावक इनकी शादी बाल अवस्था मे कर रहे थे। इन तीन लड़कियों ने अपनी शादी के खिलाप जाकर इसकी शिकायत सबंधित थाना में की थी। उपायुक्त ने तीनों लड़कियों को सम्मानित कर इन्हें पांच-पांच हजार रुपये की राशि से पुरस्कृत करने की बाते कही।

कार्यशाला में बाल विवाह से संबंधित इन कानूनी प्रावधानो पर चर्चा की गई

1.प्रत्येक बाल विवाह चाहे वो अधिनियम बनने के पहले किया गया हो, लड़का हो या लड़की, उनके पास ऐसे विवाह को शून्य करवाने का विकल्प है।

2.विवाह को शून्य कराने के लिए लड़का या लड़की के द्वारा ही जिला न्यायालय में अर्जी दी जा सकती है ।

3.यदि अर्जी देते समय पक्षकार अवयस्क है तो कोई संरक्षक या वाद मित्र के माध्यम से दिया जा सकता है।

4.पक्षकार बालिग होने के बाद भी शादी को शून्य करवा सकते है, इसके लिए उन्हें वयस्कता प्राप्त करने के 2 वर्ष के अन्दर ही अर्जी देनी होगी।

5.यह अर्जी दोनों अपने निवास स्थान या जहाँ उनका विवाह हुआ हो या जहा दोनों पक्षकारों ने एक साथ अंतिम रूप से निवास किया हो या अर्जी देने वाला अर्जी देने की तारीख तक जिस स्थान पर निवास कर रहा हो।

6.विवाह को शून्य घोषित करते समय जिला न्यायालय दोनों पक्षों को यह आदेश करेगा कि एक दुसरे के द्वारा प्राप्त धन, मूल्यवान वस्तुएं, आभूषण और अन्य उपहार लौटा दें।

7.विवाह को शून्य घोषित करते समय लड़की के भरण पोषण और निवास के संबंध में लडके पक्ष को आदेश दे सकता है।

8.जिसमे यदि बालक व्यस्क है तो जिम्मेवारी उसकी होगी और अवयस्क है तो उसके माता पिता की।

9.भरण पोषण की रकम लड़का या उनके परिवार की आर्थी स्थिति को ध्यान में रखकर दी जाएगी।

10.बाल विवाह से जन्मे बच्चे की अभिरक्षा के लिए आदेश देते समय न्यायालय बालक के कल्याण व सर्वोतम हितों को ध्यान में रखेगा।

बाल विवाह के लिए दंड

1.अगर 18 वर्ष से अधिक उम्र का लड़का 18 वर्ष के कम उम्र की लड़की से शादी करता है तो उसे दो वर्ष का कठोर कारावास या एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकता है। धारा – 9

2.जो भी बाल विवाह को संपन्न करे या करवाए जैसे पंडित, मौलवी, माता- पिता, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि उसे दो वर्ष का कठोर कारावास या एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकता है। धारा 10

3.जिसकी देख रेख में बच्चा है यदि वह बाल विवाह करवाता है जैसे माता-पिता, अभिभावक या कोई और उसे दो वर्ष का कड़ी सजा या एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकता है | धारा 11 (1)

4. इस कानून में किसी महिला को सजा नहीं दी जा सकती है केवल जुर्माना लगाया जा सकता है।

5. जो कोई व्यक्ति बाल विवाह को बढ़ावा देता है या जानबूझकर रोकता नहीं है, जो विवाह में शामिल होता है या विवाह के रस्मो में उपस्थित होता है, उसे दो वर्ष की कड़ी सजा या एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकता है। धारा 11 (2)

6.बाल विवाह शून्यकरणीय है परन्तु निम्न परिस्थिति में विवाह शून्य है । धारा 12 –

7.अपहरण करके, बहला फुसला कर, जोर जबरदस्ती से कंही ले जाकर, शादी के रश्म के नाम पर बेच कर अनैतिक काम के लिए।

8.अदालत द्वारा शादी रोकने के आदेश के बावजूद संपन्न की गई शादी शून्य होगी यानि कानून के नजर में शादी नहीं मानी जाएगी। धारा-14

9.आदेश मिलने के बाद भी कोई शादी करता है तो उसे दो साल तक की साधारण या कड़ी कैद या एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकता है।

बाल विवाह कैसे रोका जा सकता है

कोई भी व्यक्ति, संस्था या अधिकारी जिसे बाल विवाह होने की जानकारी हो, वह अपने इलाके के निम्न व्यक्तियों को सूचित करें –

1.जिला उपायुक्त (DC), प्रखण्ड विकास पदाधिकारी (BDO), प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी (DCPO)

2.बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन – 1098, पंचायत प्रतिनिधि, ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति।

उपायुक्त ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर रवाना किया जागरूकता रथ

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सौजन्य से अग्रगति संस्था के द्वारा चलाए जा रहे बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के जागरुकता रथ को उपायुक्त श्री शशि रंजन ने समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ जिले के विभिन्न गांवों में जाकर बाल विवाह, बाल तस्करी,बाल यौन शोषण,बाल मजदूरी के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करेगा।

अग्रगति संस्था के स्टेट हेड किरण सरकार दत्ता ने बताया कि बाल कल्याण समिति पलामू में पिछले तीन साल में अब तक बाल विवाह कुल 41 मामले रिपोर्ट किये गए हैं। जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक 18 मामलों की रिपोर्ट की गई। जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक 15 मामले जनवरी 2023 से अब तक 8 मामले रिपोर्ट की गई है।

कार्यशाला में उपायुक्त शशि रंजन के अलावा रिष्मा रमेशन एसपी पलामू, रवि आनंद डीडीसी, अपर समाहर्ता, प्रीति किस्कु डीएसओ, आनंद डिप्टी डायरेक्टर आईपीआरडी, बिमलेश शुक्ला डीपीएम जेएसएलपीएस, सेवाराम साहू डीडब्ल्यूओ, किरण सरकार दत्ता स्टेट हेड अग्रगति संस्था,पीयूष कांति घोष प्रोग्राम मैनेजर,संजय कुमार जिला समन्वयक सहित कई पदाधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थे।

Related Posts