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मोबाइल टॉवर कंपनियां लेबर सेस का बकाया विभाग के खाते में कराएं जमा* 

 

 

*कुल 407 मोबाइल टावर कंपनियों की 01 करोड़ 42 लाख 45 हजार रु की बकाया है उपकर राशि*

 

*एक माह के अंदर जमा करें राशि अन्यथा नीलामवाद दायर कर वसूली जाएगी: श्रम अधीक्षक*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड:पलामू जिलान्तर्गत मोबाइल टॉवर निर्माण करने वाले रिलाइंस जियो इंफराटेल, एटीसी, सुमीत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लिमिटेड, रिलायंस इन्फोकॉम, भारती इंफराटेल एवं इंडस कंपनी द्वारा कुल जिले में 407 मोबाईल टॉवर* का निर्माण किया गया है।मोबाइल टॉवर निर्माण की सूचना इन कंपनियों द्वारा श्रम विभाग को नहीं दी गई साथ ही मोबाइल टॉवर का निर्माण की लागत का कुल 01 प्रतिशत राशि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के अन्तर्गत विभाग के खाते में जमा की जानी चाहिए। इसकी सूचना स्थानीय श्रम कार्यालय को दी जानी चाहिए थी। परंतु ना तो इन कंपनियों के द्वारा मोबाइल टॉवर के निर्माण की सूचना और ना ही उपकर की राशि जमा करने की सूचना कार्यालय को दी गई है।

 

इस संबंध में सहायक श्रमायुक्त का कार्यलय, पलामू द्वारा सभी मोबाइल कंपनियों का नाटिस जारी* की गई थी, परंतु किसी भी कंपनी ने उपकर राशि विभाग के खाते में जमा करने की सूचना नहीं दी है, जिस कारण सभी कंपनियों पर निर्माण लागत का 1% राशि विभाग के खाते में जमा करने हेतु आदेश पारित किया गया है। ज्ञातव्य हो कि *पलामू जिला में कुल 407 मोबाइल टावर का उपकर राशि* इस प्रकार है:-

 

*रिलाइंस जियो इंफराटेल – सोलह लाख अस्सी हजार रू०*

 

*भारती एयरटेल लि० – अठाईस लाख रू०*

 

*इंडस टावर लि० – सोलह लाख दस हजार रू०*

 

*एटीसी टेलिकॉम कॉरपरेशन प्रा० लि० – एकतीस लाख पचासी हजार रू०*

 

*सुमीत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा० लि० – बारह लाख साठ हजार रू०*

 

*रिलायंस इन्फोकॉम – सैतीस लाख दस हजार रु*

 

कुल 1 करोड़ 42 लाख 45 हजार रु० यदि एक माह के अन्दर उपरोक्त कंपनियों द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर की राशि बोर्ड के खाते में जमा नहीं की जाती है तो निलामवाद दायर कर पैसा वसूलने की कार्रवाई की जाएगी।

 

जिले के श्रम अधीक्षक एतवारी महतो ने बताया कि जिलान्तर्गत कोई भी निर्माण कार्य किया जाता है तो निर्माण लागत का 1% राशि विभाग के खाते में जमा कर इसकी सूचना श्रम विभाग को दी जानी चाहिए अन्यथा 2% ब्याज के साथ वसूली की कार्रवाई की जा सकती है।

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