एक नंबर को करवा चौथ पर सौ वर्ष बाद बन रहा महासंयोग, होती है माता गौरी की पूजा-अर्चना
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली: सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का खास महत्व होता है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। इस बार 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं माता गौरी की पूजा-अर्चना करती हैं और अपने पति के दीर्घ आयु की कामना करती हैं।
वर्षों बाद बन रहा महासंयोग
ज्योतिष शस्त्र के अनुसार भी इस बार का करवा चौथ खास है। करीब 100 वर्षों बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन बुध और मंगल मिलकर बुधादित्य योग बना रहे हैं। साथ ही शिव योग और सवार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को रात 9.30 बजे होगी। इसका समापन 1 नवंबर रात 9:19 बजे होगा। चंद्रोदय समय 8:26 बजे है।
करें ये सरल उपाय
करवा चौथ के दिन कुछ उपायों को करना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यताएं हैं कि इन उपायों को करने सुख-सौभाग्य का वरदान मिलता है।
इस दिन गाय को 5 केले, 5 पेड़े और 5 लड्डू खिलाएं और उनकी पीठ सहलाते हुए प्रार्थना करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
करवा चौथ के दिन केसल, चने की दाल , सिंदूर इत्यादि चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
करवा चौथ के दिन एक बरगद के पेड़ के पत्ते पर लाल रंग से ऐसे गुणों को लिखें जो आप पति के अंदर होने की इच्छा रखती हैं। फिर इस पत्ते को मोड़कर अपने सिर से 7 बार घुमाकर संध्याकाल के समय नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से रिश्ते में खुशहाली आती है। प्रेम बढ़ता है।
महिलाएं करवा चौथ के दिन 16 शृंगार करें। हरी चूड़ियाँ जरूर पहनें। माँ गौरी को भी इन चीजों को अर्पित करें। ऐसा करने से पति-पत्नी का वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
इस दिन भगवान गणेश की पूजा जरूर करें। गुड़ का भोग लगाएं। सिद्धिविनायक मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से घर-परिवार में खुशहाली आती है। रिश्ते की सारी कड़वाहट खत्म होती है।