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प्रगतिशील किसान भृगुराम के सफलता की कहानी सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर खेती-किसानी को बनाया जीविकोपार्जन का साधन केसीसी का लाभ लेकर पूंजी की समस्या को किया दूर, सालाना कर रहे 2 लाख रू से ज्यादा की आमदनी

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित पोटका प्रखण्ड के कुलडीहा पंचायत अंतर्गत कालापाथर टोला, भुरकाडीह गांव निवासी भृगुराम भगत की पहचान आज अपने क्षेत्र में प्रगतिशील किसान के रूप में होती है । भृगुराम भगत ने एमए तक पढ़ाई की है । किसान परिवार से आने वाले भृगुराम के लिए खेती किसानी नई बात नहीं थी लेकिन पारंपरिक रूप से खेती करने के कारण उनके परिवार के सामने आर्थिक समस्या बनी रहती थी जिससे जीविकोपार्जन के लिए आय के अन्य स्रोत पर भी निर्भर थे । खेती से आय कैसे किया जाए इसकी जानकारी कृषि विभाग (आत्मा) से जुड़ने के बाद हुई ।

खेती में आधुनिक तकनीक अपनाकर परिवार की आर्थिक स्थिति किया मजबूत

भृगुराम बताते हैं कि खेती का कार्य उन्हें विरासत में मिला है लेकिन पारंपरिक तरीके से खेती से अपने परिवार के लिए ही अनाज का उत्पादन हो पाता था । कृषि विभाग के पदाधिकारियों ने सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जिसके बाद आर्थिक स्थिति को लेकर कभी सोचना नहीं पड़ा । आज वे अपने साथ 5 मजदूरों को सालभर रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। भृगुराम अपने खेत में आधुनिक तरीके से परवल, बैगन, लौकी, साग, धान के अलावा और सभी मौसमी सब्जियों की खेती कर सालाना दो से ढाई लाख रू. की आमदनी कर रहे हैं ।

जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी बतातें है कि क्षेत्र भ्रमण के क्रम में भृगुराम भगत से मुलाकात हुई थी, उनके उत्साह को देखते हुए तकनीकी प्रशिक्षण से सबसे पहले जोड़ा गया । पूंजी की समस्या उन्होने बताई तो 50 हजार रू का केसीसी का लाभ देते हुए नगद फसल के रूप में सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया । आधुनिक तरीके से खेती कर दूसरे किसानों के लिए भी भृगुराम महतो ने मिसाल पेश की है, कृषि विभाग में टपक सिंचाई का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है, जल्द ही उन्हें लाभान्वित किया जाएगा ।

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