जमीन अवैध कब्जे के विरोध में कोल्हान भूमि बचाओ समिति का धरना-प्रदर्शन 28 को…… मतकमहातु, नरसंडा व आचू के रैयतों ने बनायी जनांदोलन की रणनीति
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा में कोल्हान भूमि बचाओ समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को रैयतों व जमींनदारों की बैठक मतकमहातु में हुई। बैठक में मतकमहातु के अलावे आसपास के रैयतों व जमींनदारों ने भाग लिया। बैठक में शहर के आसपास एसटी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों के बारे में चर्चा की गयी। सर्वसम्मति से जमीन अवैध कब्जे के खिलाफ 28 नवंबर को पुराने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। रैयत भगवान देवगम, चाहत देवगम, डीबर देवगम, विशाल देवगम आदि ने कहा कि टुंगरी में उनकी पुश्तैनी जमीन पर बनवारी लाल नेवटिया का अवैध कब्जा है। लेकिन हम रैयतों को शिकायत व गुहार के बाद भी न्याय नहीं मिला जो दुर्भाग्यपूर्ण है। अब सीधी लड़ाई यानी जनांदोलन ही एकमात्र उपाय है। टुंगरी में स्थित इस जमीन का खाता संख्या 54, प्लॉट संख्या 1116, रकवा 01.44 एकड़ है। प्रेमराज देवगम तथा हेलेन देवगम ने कहा कि टुंगरी में उनकी पुश्तैनी जमीन पर वाइल्ड जिंगर नामक एक रेस्टोरेंट का अवैध कब्जा है। खरीददार झींकपानी प्रखंड के माटागुटू का रहनेवाला है। कब्जेदार ने इसके लिये फर्जी कुरसीनामा (वंशावली) जाति तथा आवासीय प्रमाण पत्रों का उपयोग किया गया है। सदर अंचल के भ्रष्ट अधिकारी तथा कर्मचिरियों की भी मिलीभगत है। चाहत देवगम ने कहा कि टुंगरी में उनकी भी जमीन पर अवैध कब्जा है। सेवति गौड़, विराज गौड़ व कालीचरण तांती का इसपर कब्जा है। इस पर समिति ने इनके खिलाफ एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया। आचू के ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में गलत तरीके से खड़पोस निवासी मोहम्मद राज नामक व्यक्ति को गांव के एक तांती परिवार द्वारा दो एकड़ जमीन बेची गयी है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। विनोद सावैयां ने कहा कि इस मामले में शिकायत करके नामांतरण रद्द करवाया जायेगा। बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि आजकल शहर के आसपास के गांवों में जमीन की अवैध खरीद-बिक्री पर जोरों पर है। इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। बैठक में इस संबंध में राज्यपाल से भी मिलने की सहमति बनी। बैठक में सुखलाल सावैयां, प्रकाश देवगम, आचू से असीम सोय, सामुएल सोय, प्रकाश सोय, नरसंडा से सेलाय सुंडी, श्रीराम सुंडी समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।