आर एस एस संघ शिक्षा वर्ग में बदलाव की तैयारी में लगा,संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल लिया जाएगा निर्माण
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड :राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हाल के वर्षों में समय से कदमताल करते हुए समाज और स्वयंसेवकों की जरूरतों के अनुसार अपने गणवेश से लेकर कार्यक्रमों तक में बदलाव किए हैं। अब संघ अपने स्थापना के 98 वर्षों बाद संघ शिक्षा वर्ग (प्रशिक्षण वर्ग) में बदलाव की तैयारी की है। नया पाठ्यक्रम लगभग तैयार कर लिया गया है। गुजरात के भरूच में संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा होगी। बदलाव की विधिवत घोषणा संघ के प्रतिनिधि सभा की बैठक में की जाएगी।
नए पाठ्यक्रम के अनुसार संघ शिक्षा वर्ग में स्वयंसेवकों को सामान्य प्रशिक्षण देने के साथ-साथ जिस क्षेत्र में कार्य करने की रुचि होगी, उस क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही अब प्रशिक्षण का द्वितीय वर्ष कार्यकर्ता विकास वर्ग -प्रथम और तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण वर्ग कार्यकर्ता विकास वर्ग- द्वितीय कहलाएगा। प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण वर्ग भी अब 20 दिनों की जगह 15 दिनों का हो जाएगा। 2024 के प्रशिक्षण वर्ग से नए पाठ्यक्रम को लागू कर दिया जाएगा।
*पहले तीन दिनों का मिलेगा प्रशिक्षण :*
संघ शिक्षा वर्ग का पूरा पाठ्यक्रम तो इस वर्ष कार्यकारी मंडल या अगले वर्ष प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद ही सामने आएगा, परंतु संघ सूत्रों के अनुसार जो बदलाव हो रहे हैं उसके अनुसार सबसे पहले स्वयंसेवकों को तीन दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसे प्रारंभिक संघ शिक्षा वर्ग कहा जाएगा। यह कहीं-कहीं प्रारंभ भी हो चुका है। फिर पहले की तरह सात दिनों का प्राथमिक संघ शिक्षा वर्ग होगा।
*अब 15 दिनों का होगा प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण वर्ग :*
प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण वर्ग अब 15 दिनों का होगा। मेडिकल, आइआइटी, प्रबंधन आदि क्षेत्रों से जुड़े स्वयंसेवकों के पास समय का अभाव रहता है। इसलिए प्रथम वर्ष में ऐसा समय निर्धारित करने पर विचार हो रहा है कि उस क्षेत्र में पढ़ने वाले स्वयंसेवक भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। वहीं कार्यकर्ता विकास वर्ग- प्रथम में दायित्वधारी स्वयंसेवक ही शामिल हो सकेंगे। इसमें 20 दिनों के प्रशिक्षण वर्ग में 15 दिनों का प्रशिक्षण पहले की तरह होगा, जबकि पांच दिनों तक रुचि वाले क्षेत्र में भेजकर सेवा कार्यों के दायित्व से अवगत कराया जाएगा।
तृतीय वर्ष को कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय कहा जाएगा। यह 25 दिनों का प्रशिक्षण होगा, जिसमें 15 दिनों का संघ शिक्षा वर्ग और 10 दिनों तक दायित्व के अनुसार व्यावहारिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। संघ सूत्रों के अनुसार इसका मुख्य उद्देश्य रुचि के अनुसार विशेष प्रशिक्षण देकर बेहतर कार्यकर्ता तैयार करना है। शताब्दी वर्ष पर सभी स्वयंसेवक सेवा कार्यों से भी जुड़ें, ऐसी योजना है।
*संघ शिक्षा वर्ग के समय में होता रहा है बदलाव*
समय-समय पर आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग में बदलाव होता रहा है। पहले तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण 40 दिनों का होता था, बाद में 35 दिन, फिर 30 और बाद में 25 दिनों का किया गया जो अभी तक चल रहा है। उसी तरह प्रथम और द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण पहले 30 दिनों का होता था, जिसे बाद में 25 और फिर 20 दिनों का किया गया।