फिर आया नेपाल में भूकंप, दिल्ली, NCR में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके, 5.6 रही तीव्रता, तीन दिन में दूसरी बार हिली धरती
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली: नेपाल और दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई। जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था।
दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।इससे कुछ दिन पहले भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। हालिया आंकड़ों की मानें तो बीते चार दिनों में दूसरी बार धरती हिली है।रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई। जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था।
दिल्ली के अलावा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भी महसूस किए गए हैं भूकंप के तेज झटके।4 बजकर 18 मिनट पर भूकंप आया है।
इससे पहले शुक्रवार देर रात भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई थी।जानकारी के मुताबिक देर रात 11.32 बजे भूकंप के झटके लगे।भूकंप का केंद्र नेपाल था।
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं।कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं।बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं।ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है। जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है।
कैसे मापी जाती है तीव्रता?
भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है।रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है।ये स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है।
जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर:
– 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
– 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
– 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
– 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
– 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
– 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
नेपाल में बार-बार आते हैं भूकंप
एक आंकड़े की मानें तो नेपाल में पिछले 11 महीनों में 4 तीव्रता के ऊपर अब तक 70 से ज्यादा भूकंप आए हैं। इनमें 5 तीव्रता के 13 भूकंप थे। छह भूकंप रिक्टर पैमाने पर 6 या उससे ज्यादा तीव्रता के थे।22 अक्टूबर को आए 6.1 तीव्रता के भूकंप की वजह से काठमांडू में 20 मकान टूट गए थे।इससे भयानक भूकंप साल 2015 में आया था। तीव्रता 7.8 थी।