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गोवर्धन पूजा, ये है शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। इस दिन लोग अत्यधिक भक्ति और प्रेम के साथ श्री कृष्ण की पूजा करते हैं।
12 नवंबर के दिन देशभर में दिवाली का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। वहीं अब गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाई जाने वाली है। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 14 नवंबर के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। इस दिन विधि विधान के साथ भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है साथ ही गाय की पूजा कर लोग उनका आशीर्वाद लेते हैं। ये दिन श्री कृष्ण को समर्पित है। चलिए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा
14 नवंबर 2023 के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाने वाली है। इस दिन सुबह 5:54 बजे से सुबह 8:09 बजे तक शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त में विधि विधान के साथ की गई पूजा का फल जातकों को प्राप्त होता है।
गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। इस दिन लोग अत्यधिक भक्ति और प्रेम के साथ श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि एक वक्त था जब लोग इंद्रदेव की पूजा करते थे लेकिन एक दिन भगवान कृष्ण ने लोगों से गोवर्धन की पूजा करने के लिए कहा और इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया जिसके बाद लोगों ने श्री कृष्ण की बात सुन कर अन्नकूट की पूजा शुरू कर दी।इस वजह से इंद्र देव को गुसा आ गया और उन्होंने तेज वर्षा कर दी जिससे बचने के लिए कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पहाड़ी को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। जिसके बाद कृष्ण भगवान की दिव्य शक्तियों को देख इंद्र देव का क्रोध शांत हो गया। इतना ही नहीं उन्होंने श्री कृष्ण से माफ़ी भी मांगी उसके बाद से ही गोवेर्धन पूजा की शुरुआत हुई और आजतक ये परंपरा चली आ रही है।

ऐसे मनाएं गोवर्धन पूजा

अगर आप भी गोवर्धन पूजा मनाता है तो आप इसके लिए सबसे पहले भोग प्रसाद तैयार कर लें। उसके बाद भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान के साथ पूजा करें। इस दिन गाय की पूजा करना, गाय के गोबर के टीले बनाने का भी काफी ज्यादा महत्व माना गया है। इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ देशभर में मनाया जाता है।

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