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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ला सकते हैं सकारात्मक बदलाव: उपायुक्त राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया” विषयक परिचर्चा आयोजित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, पलामू प्रमंडल की ओर से प्रेस दिवस समारोह का आयोजन, वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत सम्मानित

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से देश दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। यह समय की जरूरत भी है। सामाजिक सरोकारों के मद्देनजर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को स्वीकार करना सकारात्मक होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हम तेजी से आगे बढ़ सकते हैं और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। गवर्नेंस पर भी इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। यह बातें पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने कही। वे आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह के अंतर्गत “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया” विषयक सेमिनार-सह-परिचर्चा कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उपायुक्त ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतना सशक्त है कि आजकल हमलोग के मन की भावनाओं को भी समझने लगी है। उन्होंने कहा कि पलामू में एक एआई लैब के स्थापना करने की जरूरत महसूस की गई है, उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से शिक्षा एवं गवर्नेंस को समाहित करने का प्रयास होगा। इसमें 50 बच्चों को नई-नई चीजों की सीख दी जाएगी। उपायुक्त ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किसी नई चीज को अपनाने में समय लगता है, लेकिन समय के साथ हमसभी तकनीक को बहुत तेजी से स्वीकार कर रहे हैं।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग पलामू प्रमंडल के उपनिदेशक आनंद ने सेमिनार-सह-परिचर्चा कार्यक्रम का संचालन करते हुए विषय प्रवेश कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान डिजिटल एवं तकनीकी युग में तथ्यपरक सूचनाओं के आदान-प्रदान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया में तकनीक का सकारात्मक उपयोग से बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि खोजी पत्रकारिता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मदद करेगा, लेकिन मानव मस्तिष्क की बातों को समझने में थोड़ा देर होगा।

वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत ने कहा कि प्रेस की गरिमा को बचाए रखने के लिए प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की ओर से समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है। वर्ष 2023 में प्रेस काउंसिल ने प्रेस दिवस के अवसर पर “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया” विषय पर ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में तकनीकी बदलाव आए हैं।‌ इससे तत्परता और तत्कालिकता दोनों आई है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज तकनीक इतना विकसित हो गया है कि स्वचालित कार्य भी होने लगे हैं। मशीन चलाने का काम भी मशीन ही करने लगी है। तकनीक का सही इस्तेमाल कर हम मानवता को बचा सकते हैं। गोकुल बसंत ने इस विषय को रेखांकित करते हुए कहा कि पूर्व के जमाने में मीडिया के क्षेत्र में क्या तकनीक थी, यह सभी जानते हैं। उन्होंने पूर्व के समयकाल में समाचार संकलन, समाचार प्रेषण से लेकर प्रकाशन तक में उपलब्ध तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए वर्तमान समय से इसकी तुलना की। उन्होंने इसके दुष्प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तकनीक के विकास से मानव संपदा द्वारा कार्यों में कमी आई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कमांड पर कार्य करता है, उसे जितना निर्देश देंगे उतना ही काम करेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नफा एवं नुकसान दोनों है। हमसभी को चाहिए कि इसका सही से प्रयोग करें।

पत्रकार सतीश मिश्रा सुमन ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को तेजी से अपनाया जा रहा है। हालांकि नई चीजें आने से चुनौतियां भी आती है। हमें इन चुनौतियों को सहयोगी के रूप में अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में विभिन्न माध्यमों से सूचनाएं दौड़ रही है। उसमें सकारात्मक और जरूरत की चीजों को पकड़ना/संचार को ग्रहण करना हमारी समझ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जितना जल्दी अपनाएंगे, उतने बड़े स्तर पर विकास की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। बड़े लक्ष्य तक पहुंचने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि शासन/प्रशासन की बातों को जनता की भाषा में जनता तक पहुंचाना और जनता की परेशानी, समस्या, शिकायत को शासन/प्रशासन की भाषा में उनतक पहुंचाने से समाधान भी निकलकर सामने आते हैं। इसमें भी मीडिया के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मददगार साबित होगा।

पत्रकार तौहिद रब्बानी ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनी रहे।

पत्रकार संजय पांडेय ने कहा कि पत्रकारिता दिन- प्रतिदिन बदलती जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सभी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा मीडिया, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्वपूर्ण भूमिका है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संबंधी सेमिनार/परिचर्चा होने से लोगों में नए विचारों का संचार होगा।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित सेमिनार-सह-परिचर्चा कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत को सम्मानित किया गया।

सेमिनार-सह-परिचर्चा में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एपीआरओ बिजय कुमार ठाकुर ने वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यापक उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रोजी-रोटी से लेकर जीवन शैली में सुधार लाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मददगार साबित हो रहा है। विशेषकर कोरोना काल से इसका दायरा बढ़ा है। जनसंचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका है।

कार्यक्रम में एपीआरओ अजीत तिवारी, एसएमपीओ भास्कर कुमार, प्रमोद कुमार तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के सभी स्थानीय पत्रकारगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। साथ ही अरुण कुमार, गौरव सहित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अन्य कर्मीगण उपस्थित थे।

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