सीजीपीसी की गुरुद्वारा कमिटियों से अपील: मिलजुल कर एक साथ हों नगरकीर्तन में शामिल* *बीबीयां दर्शक बनने के बजाय पालकी साहिब के पीछे शोभायात्रा का हिस्सा बने: भगवान सिंह*
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) ने कोल्हान की सभी 34 गुरुद्वारा कमिटियों से अपील करते हुए बयान जारी किया है कि आगामी 27 नवंबर को आहूत गुरु महाराज श्री गुरु नानक देव जी के 554वें प्रकाशपर्व के पावन मौके पर समस्त कमिटियां बड़ी संख्या में सीजीपीसी के बैनर तले नगरकीर्तन में शामिल हों।
शुक्रवार को सीजीपीसी प्रधान सरदार भगवान सिंह, चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह और महासचिव अमरजीत सिंह एवं गुरचरण सिंह बिल्ला ने अपने पिछले अनुभवों के आधार पर तर्क देते हुए बताया कि, देखा गया है कि कुछ संस्थाएं व कमिटी प्रबंधक अपने अलग-अलग खेमों में बंटकर शोभायात्रा में शामिल होते हैं। यह अपील उन्ही संस्थाओं सहित गुरुद्वारा कमिटियों को की जा रही है कि जमशेदपुर की सिख संगत के समक्ष अच्छा सन्देश देने के उद्देश्य से सभी मिलजुल कर बड़ी संख्या में सीजीपीसी की अगुवाई में शामिल होकर नगरकीर्तन की शोभा बढ़ाएं। ऐसा कर जमशेदपुर की सिख संगत के समक्ष एक अच्छा उदाहरण पेश किया जा सकता है। भगवान सिंह ने कहा उन्हें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि गुरुद्वारा कमिटियां अपील का सम्मान अवश्य करेंगी।
भगवान सिंह ने बीबीयों और बच्चियों को विशेष आग्रह करते हुए कहा कि वे नगरकीर्तन के दिन दर्शक बनने के बजाय पालकी साहिब के पीछे शोभायात्रा में शामिल होकर गुरु घर की खुशियां प्राप्त करें।
बकौल चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह जमशेदपुर के सिख व्यापारी प्रकाशोत्सव वाले दिन अपनी दुकाने अवश्य बंद रखें चूँकि सिख समाज निजी विद्यालयों में प्रकाशपर्व पर छुट्टी की मांग करते आये हैं परन्तु अपने ही प्रतिष्ठान खुले रखते है इसलिए इस पावन मौके पर अपने प्रतिष्ठान बंद रख कौमी एकता और आपसी भाईचारे का सबूत पेश करें।
महासचिव अमरजीत सिंह एवं गुरचरण सिंह बिल्ला ने बताया कि विभिन्न जत्थे, धार्मिक सस्थाएं अपनी टीमों के साथ नगरकीर्तन की शोभा बढ़ायेंगे। इस बार 20 स्कूलों के छात्र-छात्राएं, शिक्षक-शिक्षकायें शोभायात्रा में शामिल होंगे हालांकि विभिन्न धार्मिक विद्यालय के जुड़ने से यह संख्या बढ़ने की संभावना है। 32 स्त्री सत्संग सभाओं की बीबियां भी नगरकीर्तन में गुरबाणी-कीर्तन करती हुई गुरु महाराज जी का जन्म दिहाड़ा मनायेंगी।