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बड़ाजामदा क्षेत्र के मां दुर्गा की मूर्तियों को पूरे श्रद्धा से साथ तराशते वाले समाजसेवी हीरालाल प्रजापति, जानवरों को बच्चों की तरह पालते हैं खुद के रोजगार पाने से कहीं ज्यादा बेहतर है कि कईयों को रोजगार प्रदान करें— समाजसेवी हीरालाल प्रजापति

 

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित बड़ाजामदा क्षेत्र के रहने वाले समाजसेवी हीरालाल प्रजापति जानवरों को बच्चों की तरह पालते हैं एवं उनकी देखरेख बच्चों की तरह करते हैं । इसका नजारा देखने को तब मिला जब उन्होंने आवाज देकर बच्चे की तरह अपने घर के अंदर पाले हुए दो आवासीय कुत्तों के बीच आवाज लगाकर दिखाया। उनके घर में पाले गए दोनों कुत्ते उनके इसारे पर उनके सामने आना-जाना करते हैं एवं आने वाले अतिथियों का भी भरपूर स्वागत नत मस्तक होकर करते हुए देखे जाते हैं ।उन्होंने अपने पहले कुत्ते का नाम चेरी एवं दूसरे कुते का नाम रॉकी रखा है ।जिसको वे जिस नाम से बुलाते हैं वही सामने आकर खड़ा होता है ।इंसान अगर जानवरों से प्रेम करें, तो जानवरों में भी इंसानों के प्रति प्रेम की भावना उमडता हुआ दिखाई पड़ता है ।
बचपन से ही मूर्ति बनाने जाने का रुचि एवं शौक रखने वाले हीरालाल प्रजापति ने साक्षात्कार देते हुए बताया कि इस तरह की कला से उन्हें अपार आनंद आता है । माता दुर्गा, लक्ष्मी एवं गणेश कि उनकी बनाई हुई मूर्तियां बड़ाजामदा,गुआ,नोआमुंडी एवं आसपास के क्षेत्र के लोगों के बीच मांग की जाती है । पूजन सामग्री मिट्टी के बर्तन, हांडी, कलश व दीप उनके आवास क्षेत्र में उनके द्वारा सेवारत कर्मियों के साथ साथ बनाया जाता है । अपने आप को जन्म- मृत्यु के संरचना के बीच मिट्टी के संसाधनों की बनी वर्तनों की उपलब्धता वे लोगों को निःशुल्क कराते हैं । विजया रन टू उषा मार्टिन कंपनी मे अपने उत्कृष्ट सेवा वर्ष 2004 में 2020 पूरे निष्ठा एवं ईमानदारी पूर्वक दे चुके है । वर्तमान में समाज सेवी हीरालाल प्रजापति का मानना है कि झारखंड की अपेक्षा उड़ीसा में ट्रांसपोर्टिंग का कार्य बहुत तेजी से चल रही है । अतः वहां रोजगार की संभावनाएं ज्यादा से ज्यादा देखी जा रही है ।हीरालाल प्रजापति ने बताया कि उन्होंने टाटा स्टील लॉन्ग प्रोड्यूस लिमिटेड कंपनी में भी अपनी सेवा बीते दो साल पूर्व दे चुके हैं ।बुनियादी तौर पर कड़ी मेहनत से जीवन में सफलता की मंजिल हासिल करने वाले हीरा लाल प्रजापति का कहना है कि एक सामान्य व्यक्ति के रूप में गाड़ियों को बनाने वाले वाले मिस्त्री का काम करने से ट्रक-बस ड्राइवर चलाने का काम भी वे पूरी ईमानदारी पूर्वक कर चुके है ।
किसी भी काम को छोटा ना समझने वाले तथा काम के प्रति विशेष लगाव रखकर, उसे जीवन की बुनियादी सफलता का आधार मानने वाले हीरालाल प्रजापति को एक सफल व्यवसायी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। हीरालाल प्रजापति का मानना है कि तकदीर के साथ- साथ अदम्य साहस व इच्छा शक्ति मनुष्य की सफलता का मुख्य आधार होता है । काम में बाधा व अवरोध उत्पन्न करने वालो के प्रति उनका कहना है कि, ऊपर वाले की लाठी में, आवाज़ नहीं होती है, लेकिन असर जरूर होता है । प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा समय कल्याणकारी कार्यों के साथ जनहित में लगाना चाहिए। हीरा लाल प्रजापति के अच्छे व्यवहार एवं स्वभाव को देखते हुए बड़ाजामदा क्षेत्र में लोगो द्वारा बनने वाले दुर्गा पूजा पंडाल के मूर्ति के फाइनल फिनिशिंग के लिए उन्हें आमंत्रित किया जाता है । मां दुर्गा के पंडाल की माता दुर्गा की मूर्तियों को तराशने का कार्य निःशुल्क सेवा एवं पूरे श्रद्धा से साथ हीरालाल प्रजापति को देखा जा सकता है।अपनी सफलता व जीवन में बढ़ते हुए ऊंचाइयों का श्रेय अपने पिता स्वर्गीय बद्री राम प्रजापति को देते हुए उनके दिशा निर्देशन में समाज कल्याण एवं समाज के विकास को अपने जीवन लक्ष्य हीरा लाल प्रजापति मानते हैं । परिणाम स्वरूप बड़ाजामदा के साथ-साथ नोआमुंडी प्रखंड व उड़ीसा के कई जिले के लोगों के दिलों में हीरालाल प्रजापति एक हीरे की तरह जगमगाते हुए दिखाई देते हैं ।अपने साक्षात्कार में हीरालाल प्रजापति ने आगे बताया कि वर्ष 1991 में उन्हें बड़ाजामदा सेंट्रल हॉस्पिटल के द्वारा स्थाई रूप से ड्राइविंग की नौकरी मिल गई थी ।लेकिन इन्हें नौकरी प्राप्त कर नौकर बनने के बजाय लोगों को रोजगार दे, उनके भविष्य को संभालना उनके तकदीर में कहीं न कहीं लिखा हुआ था । परिणाम स्वरूप इनका मानना है कि खुद के रोजगार पाने से कहीं ज्यादा बेहतर है कि कईयों को रोजगार प्रदान करें। इनके अंतर्गत दर्जनों हाथों को नियुक्ति मिली हुई है । जिससे इन्हे आत्मिक संतोष एवं उल्लास मय वातावरण में देखा जा सकता है ।सच्चाई यह है कि अपने यहां काम करने वाले लोगों के साथ मालिक होते हुए हीरा लाल प्रजापति को बेझिझक मजदूर बनकर काम करते हुए देखे जा सकता है।
श्रम शक्ति को ही मानव शक्ति मानने वाले हीरा लाल प्रजापति अपने परिवार का हिस्सा से कम नहीं मानते है।लोगों के अनुसार हीरा लाल प्रजापति का मिलनसार व्यक्तित्व किसी चमकते हुए हीरे से कम नहीं है ।

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