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PIB ने किया खुलासा फर्जी खबर फैला रहे ये 9 Youtube चैनल, जानिए इनके नाम

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली:हैरान कर देने वाली खबर आई है। PIB ने ऐसे 9 Youtube चैनलों का भंडाफोड़ किया है, जो सिर्फ और सिर्फ फर्जी खबरें चलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कहीं आप भी तो इन्हें फॉलो नहीं करते…

 

दरअसल, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने कई सारे YouTube को लेकर अलर्ट जारी किया है। टीम ने फर्जी खबरें फैलाने वाले ऐसे चैनलों का भंडाफोड़ किया और उनका सच सामने रखा है। PIB ने कहा कि ये चैनल सरकारी योजना के बारे में फर्जी खबरें शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा हादसों और आपदा को लेकर भी लोगों में गलत और भ्रामक सूचनाएं फैला रहे हैं।

PIB की ओर से जिन चैनलों की असलियत सामने रखी गई है, उनमें aapke guruji, sansanilive, bj news, bharat ekta news, gvt news, ab bolega bharat, daily study जैसे चैनल शामिल हैं। पीआईबी की ओर से कहा गया है कि इन सभी चैनल पर दी जाने वाली सभी जानकारियां पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं।इन चैनल पर सरकार की कई ऐसी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई है, जिन योजनाओं को सरकार ने लॉन्च ही नहीं किया है और न ही ऐसी कोई योजना है। फैक्ट चेक यूनिट ने नौ अलग-अलग ट्वीट थ्रेड में कई सारे फैक्ट-चेक जारी किए। इन थ्रेड्स में फर्जी चैनलों की बताई गई जानकारी को पूरी तरह गलत बताते हुए उनकी असलियत बताई गई है।

बड़ी बात ये है कि इन चैनलों से देश की बड़ी आबादी जुड़ी हुई है और इनके संपर्क में थी। संबंधित YouTube चैनलों पर 83 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स थे। फर्जी खबर फैलाने वाले इन 9 यूट्यूब चैनलों का सच PIB ने सामने रखा है।ये चैनल मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ फ़र्ज़ी खबर फैला रहे थे। कुछ राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने, ईवीएम पर पाबंदी, केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफ़े, 200-500 के नोट पर पाबंदी, बैंकों को बंद करने से जुड़े फर्जी खबरें भी फैलाई जा रही थीं।सूत्रों ने कहा कि यूट्यूब पर फर्जी खबरों का मोनेटाईजेशन चिंता का विषय है। कुछ चैनलों ने कुछ राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने, प्रतिबंध लगाने का झूठा दावा किया। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम), केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे/मृत्यु, आदि की खबरें भी फैलाईं।

चैनलों की ओर से भारत सरकार की योजनाओं और नीतियों से संबंधित गलत जानकारी दी गई और प्राकृतिक आपदाओं और भारतीय नागरिकों की मौत से संबंधित झूठे दावे फैलाए गए। इन चैनलों पर सशस्त्र बलों की तैनाती और स्कूलों को बंद करने जैसी सूचनाएं भी दी जा रही थीं।

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