श्रीनाथ विश्वविद्यालय में कल से होगा हिंदी सेवियों का जुटान , तैयारियां अंतिम चरण में….

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: सरायकेला खरसावां जिला स्थित आदित्यपुर में श्रीनाथ विश्वविद्यालय में “७वां अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव, 2023” का आयोजन होने जा रहा है l यह महोत्सव 21, 22 एवं 23 दिसम्बर, 2023 को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होगा l हिंदी भाषा एवं साहित्य को समर्पित यह महोत्सव लगातार कई वर्षों से पूरे धूमधाम और मनोयोग से होता आया है l “श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” का आरम्भ एक सरल किन्तु दूरगामी सोच के साथ हुआ था l
यह विश्वविद्यालय प्रशासन का हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना को दिखाता है, जो हिन्दी महोत्सव के रूप में हमारे समक्ष प्रत्येक वर्ष सामने आया है l इसके आरम्भिक दौर में इसका स्वरुप छोटा था, जिसमें मात्र 9 महाविद्यालयों के प्रतिभागी ही सम्मिलित हुए थे और प्रतियोगिताओं की संख्या भी कम थी, साथ ही यह दो दिवसीय हुआ करता था ।
समय के साथ–साथ, धीरे–धीरे श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव को विद्यार्थियों, हिन्दी के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, कला प्रेमियों, राजनीतिज्ञों तथा तकनीकी क्षेत्र के विशषज्ञों का प्रेम मिलता गया और आज यह इसका सुखद परिणाम ही है, जो महोत्सव, क्षेत्रीय स्तर पर आयोजित हुआ करता था, पिछले दो वर्षों से वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो रहा है l
यह तीसरा अवसर है, जब श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने जा रहा है l सर्वप्रथम महोत्सव केवल कोल्हान प्रमंडल के महाविद्यालय के विद्यार्थियों तक ही सीमित था और इसमें सिर्फ अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिताएं ही आयोजित होती थीं, तदोपरांत यह प्रदेश स्तर का हुआ, जिसमें झारखण्ड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से विद्यार्थी प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी बनकर सम्मिलित होने लगे, साथ ही उनके शिक्षक प्रतिनिधियों का सहयोग भी महोत्सव को मिलता गया l सन 2021 में विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद महोत्सव में विदयालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी महोत्सव से जोड़ा गया, जिससे किशोरवय के बच्चे भी अपनी ऊर्जा तथा सूझ–बूझ का उपयोग करते हुए महोत्सव से लाभान्वित हो सके l “अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” के आयोजन के कई उद्देश्यों में से एक उद्देश्य यह भी है कि आज के युवा वर्ग को हिन्दी भाषा एवं साहित्य से जोड़ा जा सके l साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, सृजन एवं संगीत, “अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” के पांच स्तम्भ हैं l इन स्तम्भों का अर्थ यह है कि श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव का आयोजन इन स्तम्भों को आधार बनाकर होता आया है, क्योंकि महोत्सव में जो भी प्रतियोगिताएं होती है, वे सभी इन स्तम्भों के आधार पर ही होती हैं l प्रतिभागी तथा दर्शक प्रतियोगिताओं में स्पष्ट रूप से इन स्तम्भों की झलक का अनुभव करते हैं l
“अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित कर देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी हिन्दी प्रेमियों को जोड़ता आया है, साथ ही इस बार भी महोत्सव में उपस्थित दर्शकों एवं प्रतिभागियों को विदेश के कई वक्ताओं के वक्तव्यों तथा उद्बोधन को सुनने का अवसर प्राप्त होगा l “अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” का प्रत्येक दिन चिंतन-मनन को समर्पित है l महोत्सव में अब तक कई नामचीन व्यक्तित्व जुड़ चुके हैं l इसी परम्परा को बनाए रखते हुए इस वर्ष भी उद्घाटन समारोह सह चिंतन-मनन सत्र में पहले दिन नई दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार एवं भाषाकर्मी राहुल देव, झारखंड से निदेशक अंकेक्षण, मुकेश कुमार एवं उपायुक्त सरायकेला-खरसावां, रवि शंकर शुक्ला सम्मलित होंगे l इनके चिंतन-मनन का विषय है – “हिंदी ज्ञान भाषा होकर ही बच सकती है।“
दूसरे दिन चिंतन-मनन सत्र में हिन्दी की वरिष्ठ साहित्यकार, श्रीमती ममता कालिया, श्रीमती मधु कांकारिया, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल से हिन्दी की विभागाध्यक्ष, डॉ. संजीता वर्मा उपस्थित होंगी l इनके चिंतन-मनन का विषय है – “स्त्री लेखन की लोकप्रियता l”
तीसरे दिन चिंतन-मनन सत्र में मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता के रूप में उच्च न्यायालय, रांची के न्यायमूर्ति, डॉ एस.एन.पाठक, महोत्सव में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे l इनके चिन्तन-मनन का विषय है – “न्यायिक प्रक्रिया मे हिन्दी भाषा की उपयोगिता” ।
विश्वविद्यालय प्रबंधन के हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम ने इस महोत्सव का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे धीरे-धीरे लोग जुड़ते चले गए ।
“अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” में तकनीक के प्रयोग ने प्रतियोगिताओं को विद्यार्थियों के बीच इसे अधिक रोचक और लोकप्रिय बनाया है तथा इससे महोत्सव को एक नया विस्तार भी मिला है l अब तक कई प्रतियोगिताएं महोत्सव में विशेष आकर्षण का केंद्र रही हैं, जैसे– हास्य कवि सम्मलेन, प्रश्नोतरी, वाक चातुर्य और लघुनाटिका इत्यादि l अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव चिंतन-मनन, हिन्दी भाषा एवं साहित्य से जुड़ी प्रतियोगिताओं तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है, साथ ही यह युवा वर्ग को एक मंच भी देता है, जिसमें वे अपने कला-कौशल का प्रदर्शन करते हैं l उनके अंदर छिपी हुई प्रतिभा को एक मंच भी मिलता है l इस वर्ष महोत्सव में कई नई प्रतियोगिताओं को रखा गया है, जैसे – दंगल, मुद्दे हमारे विचार आपके, नृत्य नाटिका, संपादकीय लेखन तथा हिन्दी टंकण इत्यादि l नई प्रतियोगिताएं, जहां महोत्सव को बहुरंगी करेंगी, वहीं विद्यार्थियों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बनेगी । महोत्सव पुन: एक नए रूप और ऊर्जा के साथ हिन्दी प्रेमियों के लिए तैयार है । “अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” एक ऐसा अवसर होता है, जब हिन्दी प्रेमी एक छत के नीचे एकत्र होते हैं और इस बार भी यहाँ विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा को और अधिक जानने-समझने का अवसर मिलेगा ।
“सातवें अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” में पुन: हिन्दी प्रेमियों को यह अवसर मिल रहा है, जब वे हमारी राजभाषा हिन्दी के सम्मान में एक जगह एकत्रित होंगे ।
“अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव” के बारे में बात करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुखदेव महतो ने कहा कि “श्रीनाथ विश्वविद्यालय” द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव, हिंदी भाषा को समर्पित एक ऐसा मंच है, जिसमें प्रत्येक वर्ष नए प्रयोग किए जाते हैं तथा इसमें नई-नई तरह की प्रतियोगिताएं शामिल की जाती हैं । विश्वविद्यालय प्रबंधन का यह प्रयास होता है कि प्रत्येक वर्ष इसे और उच्च स्तर का किया जाए और फलस्वरूप आज यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हो चुका है। यह जानकारी श्रीनाथ विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी रचना रश्मि ने दी।