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नक्सली बंद के कारण 8 घंटा रेल परिचालन रहा बाधित *************************  नक्सलियों ने मेघाहातुबुरु में लगाया पोस्टर,सेल की खदानों से होने वाली लौह अयस्क ढुलाई पर दिखा….

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने 22 दिसंबर को भारत बंद को लेकर नक्सलियों का उत्पात भी शुरू हो गया ।

झारखंड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की मंशा से नक्सलियों ने गुरुवार देर रात करीब 12:30 बजे पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल के गोइलकेरा और पोसैता स्टेशनों के बीच बम विस्फोट कर थर्ड रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया।नक्सली घटना कारो नदी के समीप पोल संख्या 356/29ए और 31ए के बीच थर्ड लाइन में रेल पटरी उड़ने के कारण हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग में ट्रेनों का परिचालन 8 घंटा ठप हो गया |

रेल प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के बाद सुबह 8:38 बजे से बदस्तूर रेलवे ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है।इस दौरान 18030 शालीमार-कुर्ला अप एक्सप्रेस ट्रेन को महादेवशाल स्टेशन में रोक दी गई थी । बाद में ट्रेन को गोइलकेरा रेलवे स्टेशन पर लाकर खड़ा कर दिया गया ।वहीं मनोहरपुर स्टेशन में रातभर खड़ी 18006 डाउन संबलेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन एवं डाउन हापा,हावड़ा को आज सुबह 8:38 बजे अपने गंतव्य के रवाना किया गया ।नक्सली घटना से रात भर उक्त ट्रेनों में फंसे यात्री समेत रेल प्रशासन परेशान रहे ।विदित हो कि 22 दिसंबर को भारत बंद को सफल बनाने में नक्सलियों ने मनोहरपुर थाना क्षेत्र, पोसैता एवं छोटानागरा थाना क्षेत्र के अलावा डेरोवां स्टेशन के समीप अप व डाउन रेल ट्रैक पर भी बैनर पोस्टर लगाया |वहीं भारत बंद को लेकर मनोहरपुर थाना सर्किल अंतर्गत मनोहरपुर, आनंदपुर, जराईकेला, चिड़िया ओपी एवं छोटानागरा थाना समेत पांच थाना क्षेत्रों में बंद का व्यापक असर देखा गया।22 दिसम्बर को नक्सली बंद के मद्देनजर किरीबुरु व सारंडा क्षेत्र में मिला-जुला असर देखने को मिला । बंदी में किरीबुरु से जमशेदपुर मार्ग की यात्री बसों का परिचालन जारी रहा । वहीं किरीबुरु से रांची व मनोहरपुर मार्ग पर यात्री बसें नहीं चलीं ।बंद की वजह से सेल की किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु खदान से होने वाली लौह अयस्क की ढुलाई प्रभावित रहा । सूत्रों के अनुसार मेघाहातुबुरु खदान में रात्रि 12 बजे से रात्रि 1 बजे तक लगभग तीन रैक लौह अयस्क लोड कर लिया गया था । लोड रैक को ले जाने हेतु मालगाड़ी का इंजन मेघाहातुबुरु खदान में पहुंच गया ।रैक भेजने की तैयारी चल रही थी कि डेरवा स्टेशन क्षेत्र में रेलवे ट्रैक उड़ाने की घटना की खबर फैलने के बाद रात्रि लगभग डेढ़ बजे चक्रधरपुर रेलवे के कंट्रोल रुम से विशेष संदेश आने के बाद लोड रैक को खदान से नहीं निकलने का आदेश दिया गया । इसके बाद उक्त खदानों से लौह अयस्क की ढुलाई सुबह 8 बजे तक ठप रही थी । सेल अधिकारी सूत्र ने बताया कि डेरवां घटना की वजह से रेलवे के वरिष्ठ डीओएम से वार्ता के बाद रात में लोड रैक को रोका गया है । रेलवे हमलोग से ट्रैक लाईन फिटनेस लिया है ।अब लोड रैक भेजा जायेगा ।

किरीबुरु थाना पुलिस की कड़ी पेट्रोलिंग एवं एम्बुसिंग के बावजूद भाकपा माओवादी नक्सलियों ने 22 दिसम्बर की अहले सुबह मेघाहातुबुरु स्थित मीना बाजार के नीचे मुख्य सड़क के किनारे नक्सली पोस्टर रखकर फरार हो गए ।किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा, एसआई आर लकड़ा आदि पदाधिकारी नक्सली बंदी के मद्देनजर सुबह लगभग दो बजे तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गश्त व पेट्रोलिंग करते रहे । कुछ पुलिस मीना बाजार क्षेत्र में रात दो बजे तक एम्बुस लगाकर बैठी रही । पुलिस के हटते ही मीना बाजार से महज 50 मीटर दूर मुख्य सड़क किनारे नक्सली पोस्टर रखकर गायब हो गये । संभावना जताई जा रही है कि कोई एक नक्सली प्रोस्पेक्टिंग हाटिंग के रास्ते पैदल आकर पोस्टर रख पुनः हाटिंग के रास्ते चला गया । पुलिस घटनास्थल से पोस्टर उठा कर ले गई है ।पूर्वी रीजनल द्वारा जारी पोस्टर में झारखंड-बिहार के संघर्ष इलाकों में प्रतिक्रांतिकारी सूरजकुंड रणनीतिक योजना के तहत जारी बर्बर हमलों के खिलाफ 16 से 22 दिसंबर तक देशव्यापी प्रचार-आंदोलन अभियान चलाने, 22 दिसंबर को एक दिन का भारत बंद सफल बनाने की बात लिखी गई है । कहा गया है कि नक्सल मुक्त झारखंड के नाम पर अगस्त, 2022 से लेकर अब तक लगातार बिहार-झारखंड एवं पूर्वी बिहार-पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरियाओं के आदिवासी बहुल संघर्ष इलाकों में उनकी पार्टी, जन मुक्ति छापामार सेना (पीएलजीए) एवं जन संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं, कमांडरों, लाल योद्धाओं को लक्षित कर झारखंड पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर के संयुक्त बलों द्वारा बड़े पैमाने पर दिन-रात लगातार बर्बर हमले किए जा रहे हैं । आदिवासी जनता को भी इन हमलों का निशाना बनाया जा रहा है ।

लाखों की संख्या में सशस्त्र बलों को तैनात कर सघन गश्त अभियान, मुठभेडे, गांवों पर हमले आदिवासी ग्रामीणों की बेदम पिटाई, झूठी मुठभेड़, अवैध गिरफ्तारियां, झूठे मामलों में फंसाकर जेलों में डाला जा रहा है ।सितंबर, 2022, से लेकर अब तक झारखंड, बिहार राज्यों के सीमावर्ती खासकर झारखंड में हमले किए जा रहे हैं । झारखंड में नक्सल ऑपरेशन में सीआरपीएफ की 132 कंपनियों पिछले डेढ़ दशक से तैनात है ।केंद्रीय एवं पुलिस बलों को मिलाकर कुल 85 हजार जवान राज्य के संघर्ष इलाकों में तैनात है । बुढा पहाड़ मुक्त, कोल्हान मुक्त, सारंडा, पारसनाथ से माओवादियों को खदेड़ने के अभियानों के लिए जनवरी 2020 में लेकर अब तक सरायकेला, चाईबासा, खूंटी रांची के सीमावर्ती क्षेत्र, बूढ़ा पहाड़, कोल्हान एवं पारसनाथ क्षेत्र में 48 नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गयी । सिर्फ सारंडा में ही 12 से अधिक सीआरपीएफ और अन्य बलों के पुलिस कैंप लगाए गए ।इन कैंपों में तैनात जवानों के जरिये निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं ।गश्त के दौरान संदेहास्पद जगहों को निशाना बनाते हुए सैकड़ों गोले दागे जाते हैं ।इतना ही नहीं इन कैंपों से आसपास के गांवों की दिशा में दिन-रात कई बार 51एमएम और 81 एमएम मोर्टारों से गोले दागे जाते हैं ।गोइलकेरा थाना क्षेत्र के कुईड़ा, आराहासा में नया थाना खोलने की हाल ही में घोषणा हुई । जनवरी 2022 से अगस्त 2023 के बीच ही 762 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है । गिरफ्तार कॉमरेडों में 71 वर्ष के सीसी एवं पीबी सदस्य कॉमरेड प्रमोद मिश्रा, स्पेशल एरिया कमेटी के तीन, रीजनल कमेटी के एक सदस्य एवं जोनल कमांडर, सब जोनल कमांडर एवं एरिया कमांडर सहित अन्य शामिल हैं। इसी समयावधि में पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में 20 कॉमरेड शहीद हुए । नेतृत्व को विशेष रूप से लक्षित करते हुए हमले किए जा रहे हैं व अन्य बातें लिखी गई हैं ।

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