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परंपरागत पूजा व मुर्गों की बलि देकर की जमीन पर कब्जे की घोषणा*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला चाईबासा में सदर अंचल क्षेत्र के मतकमहातु, टुंगरी व तांबो में शुक्रवार को कोल्हान भूमि बचाओ समिति के नेतृत्व में विभिन्न गांवों के खतियानी रैयतों ने जमीन पर सूचना पट्ट लगाकर अवैध कब्जे वाली जमीनों पर पारंपरिक दखल की घोषणा की। रैयतों ने कुल 4 एकड़ 6 डिसमिल जमीन पर ग्रामसभा समर्थित सूचना पट्ट तथा सरना झंडा लगाकर कब्जा किया। रैयतों ने बताया कि उनकी जमीनों पर वर्षों से गैर आदिवासियों का कब्जा था। इसलिये वे ग्रामसभा की अनुमति लेकर अपनी पैतृक जमीनों को कब्जामुक्त कर उसे वापस ले रहे हैं।कब्जे के दौरान कब्जेदारों की ओर से कोई आपत्ति नहीं की गयी। वहीं रैयतों ने टुंगरी में समिति का कार्यालय भी खोल दिया। कब्जे के बाद रैयतों ने बनवारी लाल नेवटिया की कब्जेवाली जमीन पर परंपरागत पूजा कर वनभोज भी आयोजित किया। समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने बताया कि कुल 4 एकड़ 6 डिसमिल जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया और बोर्ड तथा सरना झंडा गाड़कर उसपर परंपरागत दखल की घोषणा की गयी है। जिन जमीनों पर बोर्ड लगाया गया उनमें डीबर देवगम की 1.44 एकड़, चाहत देवगम की एक एकड़ 3 डिसमिल, एलिश बोदरा की 1 एकड़ 13 डिसमिल तथा प्रेमराज देवगम की 46 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जा था। अब इस पर खतियानी रैयतों ने ग्रामसभा की सहमति से दखल कर लिया है। ये सारी जमीनें मतकमहातु, टुंगरी तथा तांबो गांव में अवस्थित है।

 

*प्रेमराज की जमीन पर निर्माणाधीन मकान तोड़ा*

 

टुंगरी में खतियानी रैयत प्रेमराज देवगम की जमीन पर निर्माणाधीन मकान के पिलरों को रैयतों ने तोड़ दिया। प्रेमराज ने बताया कि उनकी इस जमीन पर अवैध निर्माण हो रहा था। अवैध कब्जेदार ने फाउंडेशन तक निर्माण करवा लिया था।

 

*परिणाम कुछ भी हो, आंदोलन जारी रहेगा : विनोद कुमार सावैयां*

 

कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि अंजाम चाहे कुछ भी हो, अवैध कब्जों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। इन जमीनों के गोरखधंधे के पीछे पशुपालन विभाग में कार्यरत एक व्यक्ति का हाथ है सरकारी पदाधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत है। सीएनटी एक्ट का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

 

*ये रैयत थे मौजूद*

 

इस दौरान समिति के उपाध्यक्ष डीबर देवगम, मीडिया प्रभारी चाहत देवगम, भगवान देवगम, भूपेंद्र देवगम उर्फ डैनी, विशाल देवगम, एलिश बोदरा, रमेश बिरुवा, सुरीन देवगम, सुखलाल सावैयां, जानुम सिंह तुबिड, प्रकाश देवगम, टूनू देवगम, प्रेमराज देवगम, हेलेन देवगम, सुखलाल सुंडी, चेनचेन देवगम समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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