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डिलियामार्चा में निर्माणाधीन कचरा प्रबंधन प्लांट का विरोध*…. *प्लांट निर्माण के विरुद्ध कोल्हान भूमि बचाओ समिति, मानकी मुंडा संघ, झारखंद पुनरूत्थान अभियान व झारखंड पार्टी व आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया हुए गोलबंद*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के डिलियामार्चा गांव में निर्माणाधीन कचरा प्रबंधन प्लांट का विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां के नेतृत्व में कई नेता निर्माण स्थल पर पहुंचे और प्लांट निर्माण का जमकर विरोध किया। झारखंड पुनरूत्थान अभियान के जिला संयोजक सन्नी सिंकू, झारखंड पार्टी के जिला सचिव रेयांस सामड, मानकी मुंडा संघ के महासचिव चंदन होनहागा व आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष रामहरि गोप ने कहा कि यह प्लांट डिलियामार्चा गांव के पवित्र देवस्थल देशाऊली के बिल्कुल समीप बन रहा है। यह नियम विरुद्ध है। अनुमति भी ग्रामसभा से नहीं ली गयी है। ग्रामीणों को अंधेरे में रखकर प्लांट बन रहा है। डिलियामार्चा में ग्राम मुंडा दूधनाथ तियू की मृत्यु के बाद करीब दो वर्षों से वहां का पद रिक्त पड़ा है। ऐसे में इस इस योजना को ग्रामसभा की स्वीकृति किसने दी?

गांव में शहर का कूड़ा-करकट लाकर निपटाने की योजना हमें स्वीकार्य नहीं है। शहर के कचरे का निपटारा गांव में क्यों हो। शहर क्यों नहीं। डिलियामार्चा में नहीं। समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि प्लांट के पास ही एक झरना है जहां ग्राम दिऊरी पवित्र स्नान कर माघे पर्व की पूजा करते हैं। ऐसे में प्लांट की गतिविधियों से भविष्य में सदियों से प्रचलित रूढ़िगत परंपराएं भी प्रभावित होंगी। साथ ही ग्रामीणों की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं। देशाऊली में अतिक्रमण से गांव में अनहोनी भी हो सकती है। इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा। इसलिये जिला प्रशासन यह प्लांट शहर में ही बनाए। लेकिन गांव में हम इसे किसी भी कीमत पर बनने नहीं देंगे। निर्माण कार्य बंद नहीं हुआ तो जोरदार आंदोलन होगा। समिति के विधि सलाहकार सुरेश सोय ने कहा कि यह पेसा कानून का उल्लंघन है। यह इलाका पांचवी अनुसूची का क्षेत्र भी है। इसके प्रावधानों के अनुसार आदिवासियों के धार्मिक स्थलों पर अतिक्रमण गैरकानूनी है। इस दौरान डिलियामार्चा तथा बासाटोंटो गांव में प्लांट के खिलाफ जनजागरण अभियान भी चलाया गया। इस मौके पर अमृत मांझी, भगवान देवगम, शैली शैलेंद्र सिंकू आदि मौजूद थे।

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