मकर संक्रांति कब मनाई जानी चाहिये… पहले 12 व 13 जनवरी को मनाई जाती थी मकर संक्रांति
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:सन् 1900 से 1965 के बीच 25 बार मकर संक्रांति 13 जनवरी को मनाई गई थी। उससे भी पहले यह पर्व कभी 12 को तो कभी 13 जनवरी को मनाया जाता था। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उनकी कुंडली में सूर्य मकर राशि में था यानी उस समय 12 जनवरी को मकर संक्रांति थी। 20 वीं सदी में मकर संक्रांति 13-14 जनवरी को, वर्तमान में 14 तो कभी 15 जनवरी को आती है। 21वीं सदी समाप्त होते-होते मकर संक्रांति 15-16 जनवरी को मनाई जाने लगेगी।
*मकर संक्रांति का महत्व*
मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है. इस दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है। इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इसी त्यौहार पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहाँ से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
*वर्तमान में मकर संक्रांति 2024 कब की है*
उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य रात 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। चूँकि सूर्य मकर राशि में रात 2 बजकर 54 मिनट पर प्रवेश करेंगे जो कि 15 जनवरी 2024, 02:54 am होगा।
अतः मकर संक्रांति शास्त्रानुसार 15 जनवरी 2024 को ही उचित होगा।
*मकर संक्रांति पुण्यकाल* – सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 21 मिनट तक
*मकर संक्रांति महा पुण्यकाल* -सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक