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डीएवी गुवा मेंआदिवासी संस्कृति पर आधारित नृत्य व नगाड़ा वादन का प्रशिक्षण स्कूली बच्चों को दिया गया 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित

डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा मेंआदिवासी संस्कृति पर आधारित नृत्य के साथ-साथ नगाड़ा वादन का प्रशिक्षण स्कूली बच्चों को दिया गया ।

स्कूल की प्राचार्या के अध्यक्षता में बच्चों नृत्य एव गीत सीखने के लिए प्रेरित किया गया।साथ ही साथ स्कूल के प्राचार्या उषा राय ने बताया कि वर्तमान सारंडा के वन क्षेत्र में रहने वाले व अध्ययन के लिए ज्ञान पिपासु बच्चों को आदिवासी संस्कृति का पूर्ण जानकारी होनी चाहिएऔर इसके लिए उन्हें उनके पारंपरिक वाद्य यंत्र के साथ-साद नृत्य की समुचित जानकारी होनी चाहिए । मौके पर मंच संचालन कर रहे विज्ञान शिक्षक एस के पाण्डेय ने कहा कि नगाड़ा ढाक का सहयोगी और प्रथम कड़ी का वाद्ययंत्र है। आदिवासियों के अलग-अलग जातियों में यह भिन्न-भिन्न आकार का होता है। यह एक से छह फीट चौड़ा और चार से पांच फीट ऊंचा होता है। मौके पर वरीय शिक्षक अनन्त कु उपाध्याय ने कहा कि आदिवासियों का प्रकृति, पारंपरिक मान्यताओं और प्रथाओं से गहरा रिश्ता है जो जंगलों और जानवरों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। लोक कला और शिल्प: आदिवासी अपनी अनूठी कला के लिए जाने जाते हैं, जिनमें मिट्टी के बर्तन बनाना, बुनाई और आभूषण बनाना शामिल है । मौके पर प्रशिक्षक विकास पूर्ति के साथ अन्य छात्रो ने

बेहतर नृत्य प्रस्तुत कर सबों को मंत्र मुग्ध कर दिया । मौके पर संजीव कु सिन्हा, रहमान एवं शिक्षिका आंकक्षा सिंह बच्चो के साथ दिखे ।

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