Regional

किरीबुरू मेघाहातुबुरु खदान के ठेका श्रमिकों को हक के लिए संगठित होना होगा:- रामा पांडे

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:मैं खुद एक ठेका मजदूर था और हूं। हमारा संगठन ठेका मजदूरों की समस्याओं की ढेर से संघर्ष करते हुये उत्पन्न हुआ है। गुवा खदान के ठेका अथवा सप्लाई मजदूरों ने संगठित होकर लड़ाई लड़ अनेक सुविधायें प्राप्त की हैं। यह बातें झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय ने मेघाहातुबुरु कार्यालय में किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु के अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से कहीं। उन्होंने कहा कि किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के ठेका मजदूरों को भी अगर गुवा के ठेका मजदूरों की तरह सारी सुविधाएं व लाभ चाहिए तो यहां के सभी ठेका मजदूरों को आपसी राजनीति छोड़कर एक मंच पर आना होगा। उन्होंने कहा कि हम स्वयं ठेका मजदूरों के हक व अधिकार के लिये सेल जैसी शक्तिशाली प्रबंधन से लड़कर गुवा के मजदूरों जैसी सारी सुविधाएं दिलायेंगे। उन्होंने कहा कि किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के ठेका मजदूरों का शोषण आज भी ठेकेदार कर रहे हैं। ठेका मजदूरों को आवास, बेहतर चिकित्सा सुविधा आदि नहीं मिल रहा है। यह दुःखद है। जब तक ठेका मजदूर संगठित नहीं होंगे, तब तक शोषण होता रहेगा। उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरों की तरह ही यहां के स्थायी सेलकर्मियों की अनेक समस्याएं हैं। सेलकर्मियों की समस्याओं का समाधान के लिए भी लंबी लड़ाई आपसी एकता के साथ लड़ना है। गुवा की सभी यूनियन एक साथ लड़ाई लड़कर बाहरी लोगों को गुवा खदान में योगदान देने नहीं दिया। सभी 18 बाहरी लोग एचआरडीसी में हैं। वहीं किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदान में बाहरी लोग नौकरी प्राप्त करने में सफल रहे। यही संगठित होने और अलग-अलग रहने का प्रतिफल है। आने वाले दिनों में जल्द ही किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, गुवा और चिड़िया खदान के सभी यूनियन व ठेका तथा स्थायी श्रमिक मिलकर तमाम समस्याओं व स्थानीय को नौकरी देने की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी।
इस दौरान किरीबुरु के महामंत्री राजेन्द्र सिंद्रिया, मेघाहातुबुरु के महासचिव अफताब आलम, अंतरयामी महाकुड़, इंतखाब आलम, कामता प्रसाद, राज नारायण शर्मा, आलम अंसारी, दलविन्द्र सिंह, संजय तिग्गा, आनंद हस्सा पुरती, लक्ष्मी नारायण राउत, अनिल शर्मा, बासु करुवा, लाल, राम हेस्सा, सुनील पासवान, रजनीकांत पाठक, शशि नाग, मो. जावेद आदि दर्जनों मौजूद थे।

Related Posts