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तीन नए क्रिमिनल कानून में होने जा रहा बदलाव, जाने कौन से हैं कानून!!

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली : तीन नए क्रिमिनल कानून 1 जुलाई से लागू होंगे। इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से आज (24 फरवरी) अधिसूचना जारी कर दी गई। तीनों नए क्रिमिनल कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।बता दें, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 (सीआरपीसी) की जगह लेगा। सीआरपीसी गिरफ्तारी, अभियोजन और जमानत के लिए है।भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 (बीएसबी2) भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लेगा।

इन तीनों कानूनों का मुख्‍य उद्देश्‍य देश में आपराधिक न्‍याय प्रणाली को बदलना है।इन कानूनों में राजद्रोह के अपराध को भी समाप्‍त किया गया है। सरकार ने नए कानून में राजद्रोह की धारा, 124 (क) को पूरी तरह से समाप्‍त कर इसको देशद्रोह में बदलने का काम किया है।इसमें राज्‍य के खिलाफ अपराध करने की एक नई धारा का शामिल किया गया है।इस नए कानून में राजद्रोह में सशस्‍त्र विद्रोह, विध्‍वंसक गतिविधि, संप्रभुता या एकता का खतरे में डालने वाले अपराध, अलगाववादी गतिविधि जैसे अपराधों को शामिल‍ किया गया है।

शीतकालीन सत्र के दौरान इन तीनों बिलों को दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था।बाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल को मंजूरी दे दी थी।राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद इन्हें कानून बना दिया गया। ये तीनों कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872, आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और आईपीसी की जगह लेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार तीन नए कानून आतंकवाद, मॉब लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए सजा को और अधिक सख्त बना देंगे।

राज्यसभा में आपराधिक बिल पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन कानूनों के लागू होने के बाद ‘तारीख-पे-तारीख’ युग का अंत सुनिश्चित होगा और तीन साल में न्याय दिया जाएगा। अमित शाह ने इन बिलों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा था कि इन कानूनों से नागरिकों के अधिकारों को सर्वोपरि रखा जाएगा और महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।

किसमें क्या बदला?

– IPC: कौनसा कृत्य अपराध है और इसके लिए क्या सजा होगी? ये आईपीसी से तय होता है। अब इसे भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा। आईपीसी में 511 धाराएं थीं, जबकि बीएनएस में 358 धाराएं होंगी। 21 नए अपराध जोड़े गए हैं। 41 अपराधों में कारावास की अवधि बढ़ाई गई है। 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है।25 अपराधों में जरूरी न्यूनतम सजा शुरू की गई है।6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड रहेगा।और 19 धाराओं को खत्म कर दिया गया है।

 

– CrPC: गिरफ्तारी, जांच और मुकदमा चलाने की प्रक्रिया सीआरपीसी में लिखी हुई है। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं होंगी।177 धाराओं को बदल दिया गया है। 9 नई धाराएं जोड़ी गईं हैं और 14 को खत्म कर दिया गया है।

 

– इंडियन एविडेंस एक्टः केस के तथ्यों को कैसे साबित किया जाएगा, बयान कैसे दर्ज होंगे, ये सब इंडियन एविडेंस एक्ट में है. इसमें पहले 167 धाराएं थीं. भारतीय साक्ष्य संहिता में 170 धाराएं होंगी. 24 घाराओं में बदलाव किया गया है. दो नई धाराएं जुड़ीं हैं. 6 धाराएं खत्म हो गईं हैं।

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