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भूमाफिया और पुलिस गठजोड़ पर जेनेसी ने किया चोट, साकची में अवैध निर्माण कर बनाए गए दो दुकानों को किया सील

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर के साकची बाजार में कीमती भूमि का अतिक्रमण कर अवैध दुकान बना कर करोड़ो रुपए में बेचने के गोरखधंधे का खुलासा हो गया है। इसमें भूमाफिया और पुलिस गठजोड़ का पर्दाफाश हुआ है।जिस पर जमशेदपुर नगर पालिका (जेनेसी ) ने कार्रवाई करते हुए दो अवैध दुकानों को सील कर दिया है। वही जिला प्रशासन और टिस्को लैंड डिपार्टमेंट के अधिकारियों के लापरवाही से भू-माफियाओं की पौ-बारह है।

साकची बाजार स्थित पुलिस टीओपी के बगल में खाली जमीन था।यह जमीन पुलिस पिकेट के लिए टाटा स्टील द्वारा एलौट किया गया था। जिसपर भूमाफियाओं की नज़र थी। लेकिन जिला प्रशासन के कारण उनकी दाल नहीं गल रही थी।इस दौरान साकची थाना के दलाल के माध्यम से उक्त भूमि का हिसाब किताब हुआ। इसके बाद पुलिस और भूमाफिया गठजोड़ का खेल शुरू हो गया। बताया जाता है कि साकची थाना ने भूमाफिया के साथ मिलकर पुलिस टीओपी की जमीन नपवाई।इस बीच उक्त भूमि पर दो दुकान बना दिया गया। दलालों के माध्यम से करोड़ों रुपए में सौदा कर लिया गया।उन रुपयों में से अतिक्रमण करने वाले पुलिस कर्मियों को क्या मिला ? यह जांच का विषय है।इसपर जांच होनी चाहिए। वहीं कुछ लोगों ने साकची पुलिस अधिकारी के द्वारा  भूमि नपवाने का वीडियो बना लिया और उसे वायरल  कर दिया।यह बात अधिवक्ता संजय कुमार सिंह के संज्ञान में आयी। उन्होंने आर टी आई के माध्यम से पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त और एस एस पी की ओर से जानकारी मांगी। उपायुक्त के द्वारा  जमशेदपुर नगर पालिका को जानकारी देने को कहा गया। दूसरी ओर एस एस पी ने साकची थाना प्रभारी श्री संजय  कुमार से जानकारी देने को कहा गया। जमशेदपुर नगर पालिका ने जबाब नहीं दिया। वहीं साकची थाना प्रभारी संजय कुमार ने भी अपनी गर्दन बचाने के लिए टाटा स्टील से पूछने की सलाह दी है। इस बाबत न्यूज़ लहर संवाददाता द्वारा जमशेदपुर नगर पालिका के अधिकारियों से पूछा गया तो वे सटीक जबाब नहीं दिए, लेकिन आनन-फानन में अवैध रूप से बने दोनों दुकानों को सील कर दिया। इससे इस अवैध दुकान को खरीदने वाले परेशान हैं।उनकी करोड़ो रुपए फंस गए हैं।अब वे अवैध दुकान बेचने वाले से अपने रुपए की मांग कर रहे हैं। इधर, भूमाफिया पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों को साधने में लग गए हैं। इसके लिए लाखों रुपए का ऑफर  दिया गया है। इधर, जुस्को के हेड ने भी बताया उक्त दुकानों को अवैध तरीके से बनाया गया है एवं  भूमि पर सटीक जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि वे जांच करवा रहे हैं कि असल में यह भूमि टिस्को लिज में है या सरकारी है। चाहे साकची बाजार की जमीन सरकारी हो या लिज की, सबसे बड़ी बात है कि अतिक्रमण कर दो दुकान बन गई और बीक गई।यह रातों रात तो नहीं हुआ।जब दुकानें बन रही थी उस दौरान साकची पुलिस सो रही थी!अब दुकान सील कर दी गई है। कुछ दिन के बाद तोड़ने की प्रक्रिया होगी। उस समय विधि व्यवस्था की समस्या होगी और यही साकची पुलिस को जिम्मेवारी मिलेगी। उस दौरान भी हंगामा का सामना करना पड़ेगा। होना तो यह चाहिए था जिस समय दुकान का अवैध निर्माण हो रहा था इस दौरान इस निर्माण को रोक दिया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि साकची पुलिस की मिली भगत सांफ झलकती है जो जांच के विषय है।

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